पंद्रह सालों तक मोदी (नरेंद्र चायवाला मोदी )का दानवीकरण करने के बाद भी कांग्रेस अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आरही है। जबकि गुजरातदंगों को नरसंहार कहकर मामला गुजरात से हटाकर महाराष्ट्र ले जाया गया।सुप्रीम कोर्ट ने मोदी को पाकसाफ घोषित किया। इस मुद्दे पर कांग्रेसियों को जूते लगने चाहिए थे। नहीं लगे इसीलिए अब व्यापम मुद्दे पर ये तमाम तरह के अनुशासन तोड़ने वाले लोगों को इकठ्ठा करके दिल्ली में जगह जगह रास्ता रोक रहें है।और वो जमालो भुस में आग लगाए दूर खड़ी है।उसका कहीं आता पता नहीं है।
जबकि शिवराज सिंह जी ने तमाम मांगें मान ली है जांच न सिर्फ सीबीआई से करवाने के लिए वे सहमत हुए हैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुकूल अपितु मध्यप्रदेश से बाहर भी इस जांच को ले जाये जाने से भी वह सहमत हैं। आत्मविश्वास से भर कर उन्होंने कहाँ है :साँच को आंच कहाँ।
अब क्या इंसानी भेष में घूमने वाले देखने में नर पिशाच से दिखने लगने वाले ये कांग्रेसी उनकी विधायकी भी छीनकर आखिर में उनसे जीने का अधिकार भी छीन लेना चाहते हैं।
अगर कल को इस देश की जनता ये मांग उठादे की अराजकता वादी जमालो को इस देश से निकाल बाहर किया जाए जिसे न सुप्रीम कोर्ट पे यकीन है न किसी और संस्था पर और जिसकी सास एक मर्तबा क्या बारहा तमाम संविधानिक संस्थाओं को तोड़ने का दुस्साहस कर चुकी है तब ये प्रवक्तानुमा गुलामवंशी चाटुकार क्या करेंगें ?
अब लोग इन्हें नरपिशाच सरीखा कहते हैं तो इसमें उनका क्या दोष।इनके लिए तो चाहें पूरे राष्ट्र में अराजकता फ़ैल जाए तब भी ये व्यापम व्यापम चिलायेंगे पता नहीं ये किस जन्म का वैर भारतीय तत्वों के पोषक शिवराज सिंह चौहान से निकालेंगे। खुदा न करे कि श्रीमती सोनिया को जुकाम लगे (हम इस मुहावरे से प्रभावित नहीं है जिसमें मेंढकी को जुकाम कहा जाता है।) तो क्या कांग्रेसी चाटुकार सोनिया के जुकाम के लिए व्यापम पर दोषारोपण करेंगे।
घर में आग लगाए जमालो दूर खड़ी
जबकि शिवराज सिंह जी ने तमाम मांगें मान ली है जांच न सिर्फ सीबीआई से करवाने के लिए वे सहमत हुए हैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुकूल अपितु मध्यप्रदेश से बाहर भी इस जांच को ले जाये जाने से भी वह सहमत हैं। आत्मविश्वास से भर कर उन्होंने कहाँ है :साँच को आंच कहाँ।
अब क्या इंसानी भेष में घूमने वाले देखने में नर पिशाच से दिखने लगने वाले ये कांग्रेसी उनकी विधायकी भी छीनकर आखिर में उनसे जीने का अधिकार भी छीन लेना चाहते हैं।
अगर कल को इस देश की जनता ये मांग उठादे की अराजकता वादी जमालो को इस देश से निकाल बाहर किया जाए जिसे न सुप्रीम कोर्ट पे यकीन है न किसी और संस्था पर और जिसकी सास एक मर्तबा क्या बारहा तमाम संविधानिक संस्थाओं को तोड़ने का दुस्साहस कर चुकी है तब ये प्रवक्तानुमा गुलामवंशी चाटुकार क्या करेंगें ?
अब लोग इन्हें नरपिशाच सरीखा कहते हैं तो इसमें उनका क्या दोष।इनके लिए तो चाहें पूरे राष्ट्र में अराजकता फ़ैल जाए तब भी ये व्यापम व्यापम चिलायेंगे पता नहीं ये किस जन्म का वैर भारतीय तत्वों के पोषक शिवराज सिंह चौहान से निकालेंगे। खुदा न करे कि श्रीमती सोनिया को जुकाम लगे (हम इस मुहावरे से प्रभावित नहीं है जिसमें मेंढकी को जुकाम कहा जाता है।) तो क्या कांग्रेसी चाटुकार सोनिया के जुकाम के लिए व्यापम पर दोषारोपण करेंगे।
घर में आग लगाए जमालो दूर खड़ी
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