शनिवार, 25 जुलाई 2015

याकूब मेनन और उनके हिमायती मज़हब की आड़ में उनके पाप कर्म को छुपाने के लिए हद दर्ज़े की लचर दलील दे रहे हैं

याकूब मेनन और उनके हिमायती मज़हब की आड़ में उनके पाप कर्म को छुपाने के लिए हद दर्ज़े की लचर दलील दे रहे हैं। एक ने फरमाया बे -अंत के हत्यारे की फांसी मुल्तवी कर दी गई। इनसाहब को मालूम हो जिस व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होती जो विक्षिप्त जैसा हो जाए उसे कानूनन फांसी नहीं दी जा सकती। मनोरोगी का पहले इलाज़ किया जाता है। बेअंत को मारने वाले ने तो एक व्यक्ति को मारा था याकूब मेनन ने तो पूरे मुंबई को उड़ाने की साज़िश रची थी। दोनों की बेतुकी तुलना करने का क्या मतलब है।



दूसरी दलील ये दी जा रही है कि याकूब मेनन ने समर्पण कर दिया था। मरता क्या न करता जब भारत की सुरक्षा एजेंसियों से बच के निकलने का ज़नाब को कोई रास्ता दिखाई न दिया तो ज़नाब ने समर्पण कर दिया। बम विस्फोट के बाद तो ज़बान खोलके कह रहे थे -बदला ले लिया मैंने।

इतने कमज़ोर निकलेंगे ये मज़हबी यकीन नहीं होता। इनसे अच्छे तो अंतिम मुग़ल बादशाह थे जिन्हें एक कमज़ोर शासक समझा जाता था और उन्होंने पूरे भारतीय स्वाभिमान के साथ अपने पुत्र का कटा सिर देखने के बाद भी यही कहा  था -

गाज़ियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की ,

तख्ते लंदन तक चलेगी तेग हिन्दुस्तान की।

अफ़सोस है यही गाज़ी कालांतर में नेहरू नाम से छद्म जीवन जीने लगे। इनका असली नाम था घियासुद्दीन गाज़ी जो १८५७ की क्रान्ति से पहले दिल्ली की मुगलिया सल्तनत में शहर कोतवाल थे। यह वह दौर था जब अँगरेज़ आतताई मुसलमानों को चुन चुनकर मार रहे थे तब यही गाज़ी अपना छद्म नाम रखके गंगाधर नेहरू हो गए क्योंकि  ये लाल किले के पास बहने  वाली एक नहर के पास रहते थे।इनसे लेकर सोनिया मायनो तक यही छद्म जारी है। इस कुनबे का कोई भी  शख्श अपना असली नाम नहीं बताता।

याकूब मेनन के हिमायतियों की और इस नेहरू वंश के नामशेष लोगों के खून की जांच की जाए तो इनका   डीएनए यकसां निकलेगा।

शर्म इनको फिर भी नहीं आती ये मुसलामानों को सरे आम उकसा रहें हैं हुश -हुश करके।

https://nehrufamily.wordpress.com/

NEHRU FAMILY TRUTH


The Nehru family starts with the Mughal man named Ghiyasuddin Ghazi. He was the City Kotwal i.e. police officer of Delhi prior to the uprising of 1857, under the Mughal rule. After capturing Delhi in 1857, in the year of the mutiny, the British were slaughtering all Mughals everywhere. The British made a thorough search and killed every Mughal so that there were no future claimant to the throne of Delhi. So, the man Ghiyasuddin Ghazi (the word means kafir-killer) adopted a Hindu name Gangadhar Nehru and thus saved his life by the subterfuge. Ghiyasuddin Ghazi apparently used to reside on the bank of a canal (or Nehr) near the Red Fort. Thus, he adopted the name ‘Nehru’ as the family name. The 13th volume of the“Encyclopedia of Indian War of Independence” (ISBN:81-261-3745-9) by M.K. Singh states it elaborately. The Government of India have been hiding this fact.

JAWAHAR LAL NEHRU:—Jawahar Lal’s father was Moti Lal and Moti Lal’s father was Gangadhar Nehru. His wife was kamala Kaul, who died in Switzerland of tuberculosis. M. O. Mathai in his book– “Reminiscences of the Nehru Age”– which opens secret of Jahawarlal Nehru relationship with a Beneras girl. His relationship with several teens , Nehru was a playboy type , drinking wine, smoking with Edwina Mountabattien & others secretly. (Link:–

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