सोनिया कांग्रेस इन दिनों एक ऐसे लाक्षागृह में प्रवेश कर चुकी है जहां वह खुद तो घाव खायेगी ही इस देश का भी नुकसान करेगी। सोनिया कांग्रेस के चापलूस इन दिनों बाजपेयी सरकार के १९९९ के कांधार विमान अपहरण मामले से जुड़े निर्णय को गलत बतला रहे हैं । ये वही सोनिया कांग्रेस है जो उन दिनों रोज़ अपहरण किये गए उन ३०० विमान यात्रियों के बन्धुबान्धवों माँ -बाप अन्य रिश्तेदारों को बाजपेयी जी के दरवाज़े पे ले जाकर प्रदर्शन करवाती थी। इसी सोनिया ने सरकार के मनोबल को इस कदर तोड़ा था कि बाजपेयी सरकार को तीन आतंकियों को छोड़ देना पड़ा था।
क्या सोनिया आज कह सकतीं हैं कि उन ३०० विमान यात्रियों को मरवा देना चाहिए था लेकिन बदले में तीन आतंकियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए था। कहकर दिखलाये सोनिया कांग्रेस आज भी ऐसा दो टूक। वरना यही समझा जाएगा जैसा की लोग कह रहे हैं इस देश का सत्यानाश करवाने के लिए सोनिया किसी भी हद तक गिर सकतीं हैं यहां तक कि खुद आत्महत्या तक कर सकतीं हैं ,फिदायिनी मानसिकता लिए है सोनिया- कांग्रेस। हम नहीं कहते ऐसा लोग अब सरे आम कह रहें हैं।
क्या सोनिया आज कह सकतीं हैं कि उन ३०० विमान यात्रियों को मरवा देना चाहिए था लेकिन बदले में तीन आतंकियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए था। कहकर दिखलाये सोनिया कांग्रेस आज भी ऐसा दो टूक। वरना यही समझा जाएगा जैसा की लोग कह रहे हैं इस देश का सत्यानाश करवाने के लिए सोनिया किसी भी हद तक गिर सकतीं हैं यहां तक कि खुद आत्महत्या तक कर सकतीं हैं ,फिदायिनी मानसिकता लिए है सोनिया- कांग्रेस। हम नहीं कहते ऐसा लोग अब सरे आम कह रहें हैं।
अगर ये सच है तो कांग्रेस पाखंड कर रही है। वैसे उस बखत जो सही लगा वही निर्णय लिया गया होगा।
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