दंगा कराने की सेकुलर साजिश :दादरीघटना की दिशा च्युत जांच
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक नगर दादरी (मायावती ख्याति का नगर )को इन दिनों सेकुलर साजिशखोर निशाने पे लिए हुए हैं। यहां कुछ सेकुलर तत्व एक व्यक्ति को अपने जाल में फंसाकर नित्य उस से गो हत्या करवाते थे। इसने गो के कटे फटे अंग एक मंदिर के सामने भी डालने शुरू कर दिए। गो के अंदर भारतधर्मी समाज ३३ करोड़ देवताओं का वास मानता है। मंदिर के उस पुजारी से इन सेकुलर वीरों ने पहले तो बयान जारी करवाया कि मंदिर के आसपास का परिवेश आये दिन दूषित करवाया जा रहा है जिससे भारतधर्मी समाज परेशान है। जब जन उन्माद में वह गो हत्यारा मारा गया तब ये सेकुलर तत्व और इनका सेकुलर मीडिया उसी पुजारी को कसूरवार ठहरा रहा है।
इनसे पूछिए भारत धर्मी समाज का कोई आदमी यदि कुरआन शरीफ का नाम लेकर आसमान की ओर थूक दे (हालांकि वह थूक उसी के मुंह पे आकर पड़ेगी )तब क्या कुरआन में आस्था रखने वाला समाज भड़केगा नहीं। जांच इस बात की होनी चाहिए ये गौ हत्या करवाने वाले तत्व कौन से थे। अखिलेश की पुलिस पुजारी के पीछे क्यों पड़ी है।
जांच की दिशा तो यह होती भारतधर्मी समाज की भावनाओं को आहत करके उन्माद फैलाने वालों की खबर ली जाती। लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार के कई आजम फाज़म इस एकल हत्या की आड़ में दंगे भड़काना चाहते हैं।
ऐसा करके ये बिहार के महाठगबंधन को क्या संकेत भेजना चाहते हैं ?और वह हिंदुत्व की चौड़ी लाल बिंदी लगाकर हिंदुत्व को ही अपमानित करने वाली विदूषी और योग की मुद्राओं को कुत्ते की मुद्रा कहने वाला फ़ीताराम कुतेश्री क्या कहना चाहता है। सारे ओवैसी आज़म भांडसेकुलर मीडिया के साथ जो नौटंकी कर रहें हैं उसे जनता निशाने पे ले चुकी हैं। इन रक्तरंगी लेफ्टीयों ,कांग्रेस में मौजूद सेकुलर जेहादियों का अब जब कोई नाम लेवा नहीं रह गया है ये दादरी के बहाने देश भर में जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं।
सेकुलर लालउद्दीन सरे आम जातीय और मजहबी वोट मांगने की बेशर्मी पे उतर आया है। अखिलेश यादव अपने उत्तर प्रदेश को संभाले अपने मंत्रियों आज़म फाज़ाम को काबू में रखे ,सात समुन्दर पार जा चुकी मोदी लहर को इस चुतियापे से कोई आंच न आएगी और बल ही मिलेगा -मेरे भाई ये देवनागरी में समझ लो।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक नगर दादरी (मायावती ख्याति का नगर )को इन दिनों सेकुलर साजिशखोर निशाने पे लिए हुए हैं। यहां कुछ सेकुलर तत्व एक व्यक्ति को अपने जाल में फंसाकर नित्य उस से गो हत्या करवाते थे। इसने गो के कटे फटे अंग एक मंदिर के सामने भी डालने शुरू कर दिए। गो के अंदर भारतधर्मी समाज ३३ करोड़ देवताओं का वास मानता है। मंदिर के उस पुजारी से इन सेकुलर वीरों ने पहले तो बयान जारी करवाया कि मंदिर के आसपास का परिवेश आये दिन दूषित करवाया जा रहा है जिससे भारतधर्मी समाज परेशान है। जब जन उन्माद में वह गो हत्यारा मारा गया तब ये सेकुलर तत्व और इनका सेकुलर मीडिया उसी पुजारी को कसूरवार ठहरा रहा है।
इनसे पूछिए भारत धर्मी समाज का कोई आदमी यदि कुरआन शरीफ का नाम लेकर आसमान की ओर थूक दे (हालांकि वह थूक उसी के मुंह पे आकर पड़ेगी )तब क्या कुरआन में आस्था रखने वाला समाज भड़केगा नहीं। जांच इस बात की होनी चाहिए ये गौ हत्या करवाने वाले तत्व कौन से थे। अखिलेश की पुलिस पुजारी के पीछे क्यों पड़ी है।
जांच की दिशा तो यह होती भारतधर्मी समाज की भावनाओं को आहत करके उन्माद फैलाने वालों की खबर ली जाती। लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार के कई आजम फाज़म इस एकल हत्या की आड़ में दंगे भड़काना चाहते हैं।
ऐसा करके ये बिहार के महाठगबंधन को क्या संकेत भेजना चाहते हैं ?और वह हिंदुत्व की चौड़ी लाल बिंदी लगाकर हिंदुत्व को ही अपमानित करने वाली विदूषी और योग की मुद्राओं को कुत्ते की मुद्रा कहने वाला फ़ीताराम कुतेश्री क्या कहना चाहता है। सारे ओवैसी आज़म भांडसेकुलर मीडिया के साथ जो नौटंकी कर रहें हैं उसे जनता निशाने पे ले चुकी हैं। इन रक्तरंगी लेफ्टीयों ,कांग्रेस में मौजूद सेकुलर जेहादियों का अब जब कोई नाम लेवा नहीं रह गया है ये दादरी के बहाने देश भर में जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं।
सेकुलर लालउद्दीन सरे आम जातीय और मजहबी वोट मांगने की बेशर्मी पे उतर आया है। अखिलेश यादव अपने उत्तर प्रदेश को संभाले अपने मंत्रियों आज़म फाज़ाम को काबू में रखे ,सात समुन्दर पार जा चुकी मोदी लहर को इस चुतियापे से कोई आंच न आएगी और बल ही मिलेगा -मेरे भाई ये देवनागरी में समझ लो।
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