कुलकर्णी बतलाएं ये इतना कालिख पैंट पाकिस्तान का है या किसी पेंट कम्पनी से उनकी मिलीभगत है। खुर्शीद मेहमूद कसूरी पूर्व विदेश मंत्री पाकिस्तान भारत की विदेश नीति के बेहूदा तरीके से आलोचना करते रहे हैं। परोक्ष रूप इसे आप आतंकवाद को शह देना कह सकते हैं। हमारा मानना है ये जो कालिख से भी ज्यादा काला पैंट कुलकर्णी के मुंह पर पुता है यह कसूरी की सोहबत का है। या फिर ये हो सकता है किसी पैंट कम्पनी से कुलकर्णी की मिलीभगत रही हो और करार तोड़के अब उसका नाम नहीं बत ला रहे हैं। इस पूरे मामले में शिवसेना तो निमित्त मात्र बनी है असली मुज़रिम तो कसूरी हैं। उनके संग का रंग है जो कुलकर्णी पे पूरी तरह ग़ालिब है। लगता है बचा हुआ पैंट उन्होंने खुद ही अपने मुंह पे लगा लिया है।हमने तो आज तक इतना काला पेंट देखा नहीं है।
कहीं पाकिस्तानी एजेंट तो नहीं कुलकर्णी ?
नई दिल्ली, मुंबई में शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि कुलकर्णी मामले में हमने विरोध वापस नहीं लिया है। उन्होंने सुधींद्र कुलकर्णी को पाकिस्तान का एजेंट बताया है। मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस कर शिवसेना नेता ने कहा कि कसूरी ने भारत विरोधी काम किया है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस मामले में दखल दी थी,जिसके बाद शिवसेना ने साफ कर दिया है कि उसका विरोध वापस लेने का कोई इरादा नहीं है।
संजय राउत ने इस घटना को लेकर भड़के गुस्से के बाद कहा, कुलकर्णी पर हुआ हमला हिंसा नहीं है। उनकी पार्टी कसूरी के विरोध पर कायम है और वह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करती है। इससे पहले इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, ‘स्याही मलना लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन का बहुत नरम तरीका है।’ राउत ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि स्याही मली गई या तारकोल। कोई भी यह पहले से नहीं बता सकता कि जनता का गुस्सा किस तरह से फूटेगा।’
सीएम ने की बात से आई नरमी
कुलकर्णी पर हुए हमले को लेकर बढ़ते गुस्से के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बात की थी। इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि सीएम के दखल के बाद शिवसेना के रुख नरमी आई है और वह अब विरोध नहीं करेगी। हालांकि राउत ने इन अटकलों को विराम दे दिया।
क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के बुक लॉन्च इवेंट के आयोजक सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने स्याही पोत दी है। कुलकर्णी ने इस घटना के बाद कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं और कार्यक्रम आज शाम होकर रहेगा। इस घटना के पूर्व कुलकर्णी ने अपने ट्विटर वॉल पर शिवसेना के विरोध का जवाब देते हुए लिखा कि ‘न धमकी से, न बम-बंदूक से, न गोली से, बात बनेगी बोली से’। इसी बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने कुलकर्णी मामले में कहा था कि स्याही लगाना लोकतंत्र में प्रदर्शन का बेहद नर्म तरीका है। उन्होंने यह भी कहा कि हमे तो यह भी नहीं पता कि स्याही लगाई है या टार, कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि लोग कैसे गुस्सा उतारेंगे।
कुलकर्णी ने क्या लगाया आरोप
कुलकर्णी ने आरोप लगाया, आज सुबह जब मैं अपने घर से बाहर निकला तो शिवसैनिकों के एक समूह ने मेरी कार रोक ली। जब मैं बाहर निकला तो उन्होंने मुझपर काला पेंट लगा दिया। उन्होंने मुझे गालियां दीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमले के बावजूद विदेश नीति के थिंकटैंक ऑब्जर्वर एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा कसूरी की पुस्तक के विमोचन समारोह का आयोजन योजना के मुताबिक आज ही होगा।
मुंबई पुलिस क्या सोचती है
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता धनंजय कुलकर्णी ने कहा कि यह घटना उपनगरीय माटुंगा के किंग्स सर्किल के पास स्थित कुलकर्णी के घर के सामने सुबह लगभग साढ़े नौ बजे हुई। उन्होंने कहा, पांच से सात अज्ञात लोगों ने कुछ नारे लगाए और उनपर रंग या स्याही फेंक दी। उन्होंने यह भी कहा कि शहर की पुलिस किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए समारोह में सुरक्षा प्रदान करेगी।
राजनीतिक दलों ने की है पूरी निंदा
इस हमले की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस ने कहा है, सभी पड़ोसी देशों द्वारा अलग रास्तों पर चले जाने के बावजूद, सबसे अधिक उदार लोकतांत्रिक देश के रूप में पहचान बनाने वाले भारत के मूल्यों को समूल नष्ट किया जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं के इस कदम का बचाव करते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा, स्याही मलना लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन का बहुत नरम तरीका है। वे स्याही को लेकर बहुत नाराज हैं। जरा सोचिए कि जब हमारे सैनिक मारे जाते हैं और उनका खून बहता है। यह स्याही नहीं है, यह हमारे सैनिकों का खून है।
शिवसेना की धमकी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाले महाराष्ट्र के गह विभाग ने आयोजक को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया था। सुधींद्र कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने एक सैद्धांतिक और दृढ़ रवैया अपनाया है। शिवसेना के प्रमुख के साथ मुलाकात के बारे में कुलकर्णी ने कहा, मैंने उद्धवजी से कहा कि कसूरी को उनके विचार रखने देना चाहिए। मैंने उनसे यह भी कहा कि यदि शिवसेना का कोई अलग मत है तो वे लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया, शिवसेना अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि गुलाम अली की तरह कसूरी एक कलाकार नहीं हैं लेकिन वह उस व्यवस्था का हिस्सा हैं, जिसने आतंकवाद को प्रश्रय दिया। उन्होंने कहा, मैंने उद्धवजी को बताया कि जिस तरह उन्हें (शिवसेना को) शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, उसी तरह हमें भी कार्यक्रम आयोजित करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, मैंने उन्हें बताया कि कसूरी वर्ष 2002 से 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे। वर्ष 2008 में जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ, उस समय वह मंत्री नहीं थे। उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेता का ध्यान इस बात की ओर खींचा गया कि कसूरी ने अपनी इस पुस्तक में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले, सरकार से इतर तत्वों की आलोचना की है।
महाराष्ट्र में भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चलाने वाली शिवसेना ने वर्ली के नेहरू सेंटर (आयोजन स्थल) के निदेशक को पत्र लिखकर उन्हें इस समारोह को पाकिस्तानी संबंध के चलते रद्द कर देने के लिए कहा है। शिवसेना ने भी इस घटना के लिए उसपर निशाना साधने वाले दलों पर वापस हमला बोला।
घटना के बाद इस घटना चला आरोप-प्रत्यारोप
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, पाकिस्तान के पिट्ठू इस घटना को लेकर दुखी हैं। जब हमारे सैनिकों का खून बहता है और मासूम लोग आतंकी हमलों में जान गंवाते हैं, तब इनका खून क्यों नहीं खौलता है आप नेता प्रीति शर्मा मेनन ने कुलकर्णी पर हमला करने वाले लोगों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा, यह शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य की राजधानी में कानून एवं व्यवस्था उपलब्ध करवाने में पूरी तरह विफल हो गए हैं। भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने मुंबई में तालिबान की तरह सांस्कृतिक आतंकवाद का एक शासन शुरू किया है। उन्होंने कुछ ही दिन पहले गुलाम अली के शो के आयोजकों को धमकी दी थी और उसे रद्द करवा दिया था।
मुंबई पुलिस क्या सोचती है
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता धनंजय कुलकर्णी ने कहा कि यह घटना उपनगरीय माटुंगा के किंग्स सर्किल के पास स्थित कुलकर्णी के घर के सामने सुबह लगभग साढ़े नौ बजे हुई। उन्होंने कहा, पांच से सात अज्ञात लोगों ने कुछ नारे लगाए और उनपर रंग या स्याही फेंक दी। उन्होंने यह भी कहा कि शहर की पुलिस किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए समारोह में सुरक्षा प्रदान करेगी।
घटना के बाद इस घटना चला आरोप-प्रत्यारोप
शिवसेना की धमकी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाले महाराष्ट्र के गह विभाग ने आयोजक को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया था। सुधींद्र कुलकर्णी ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने एक सैद्धांतिक और दृढ़ रवैया अपनाया है। शिवसेना के प्रमुख के साथ मुलाकात के बारे में कुलकर्णी ने कहा, मैंने उद्धवजी से कहा कि कसूरी को उनके विचार रखने देना चाहिए। मैंने उनसे यह भी कहा कि यदि शिवसेना का कोई अलग मत है तो वे लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया, शिवसेना अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि गुलाम अली की तरह कसूरी एक कलाकार नहीं हैं लेकिन वह उस व्यवस्था का हिस्सा हैं, जिसने आतंकवाद को प्रश्रय दिया। उन्होंने कहा, मैंने उद्धवजी को बताया कि जिस तरह उन्हें (शिवसेना को) शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, उसी तरह हमें भी कार्यक्रम आयोजित करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, मैंने उन्हें बताया कि कसूरी वर्ष 2002 से 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे। वर्ष 2008 में जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ, उस समय वह मंत्री नहीं थे। उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेता का ध्यान इस बात की ओर खींचा गया कि कसूरी ने अपनी इस पुस्तक में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले, सरकार से इतर तत्वों की आलोचना की है।
महाराष्ट्र में भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चलाने वाली शिवसेना ने वर्ली के नेहरू सेंटर (आयोजन स्थल) के निदेशक को पत्र लिखकर उन्हें इस समारोह को पाकिस्तानी संबंध के चलते रद्द कर देने के लिए कहा है। शिवसेना ने भी इस घटना के लिए उसपर निशाना साधने वाले दलों पर वापस हमला बोला।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, पाकिस्तान के पिट्ठू इस घटना को लेकर दुखी हैं। जब हमारे सैनिकों का खून बहता है और मासूम लोग आतंकी हमलों में जान गंवाते हैं, तब इनका खून क्यों नहीं खौलता है आप नेता प्रीति शर्मा मेनन ने कुलकर्णी पर हमला करने वाले लोगों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा, यह शर्म की बात है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य की राजधानी में कानून एवं व्यवस्था उपलब्ध करवाने में पूरी तरह विफल हो गए हैं। भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने मुंबई में तालिबान की तरह सांस्कृतिक आतंकवाद का एक शासन शुरू किया है। उन्होंने कुछ ही दिन पहले गुलाम अली के शो के आयोजकों को धमकी दी थी और उसे रद्द करवा दिया था।
http://publication.samachar.com/topstorytopmast.php?sify_url=http://www.jagran.com/news/national-this-is-against-democracy-lk-advani-13019770.html
Kasuri’s book launched in Mumbai despite Shiv Sena’s protest
Barely hours before the launch of a book by Kasuri, the main organiser and former journalist Sudheendra Kulkarni alleged he was abused and attacked with ink by suspected Shiv Sainiks.
Unfazed by the Shiv Sena protest and blackening of the face of Sudheendra Kulkarni, the organisers went ahead with the launch of former Pakistan Foreign Minister Ahmed Kasuri’s book ‘Neither a Hawk, Nor a Dove’ at a function here.
The event was held amidst tight security for the visiting dignitary in the wake of Shiv Sena’ threat to disrupt the function despite appeals to it to give up its protest.
Kasuri himself echoed the sentiments after the morning’s event outside the house of Kulkarni, Chairman of the Observer Research Foundation (ORF), the think-tank and organiser of the book launch show, had left a bad taste when Shiv Sena activists smeared black paint on his face.
“I would like to thank Chief Minister Mr Devendra Fadnavis for providing excellent protection (provided to him) ever since I landed in Mumbai airport (last evening),” he said at the book launch.
Taking a jibe at Shiv Sena, Kulkarni welcomed the former Pakistan Minister to the megapolis of Mumbai in Marathi.
“I also express my deepest gratitude to all of you who have come to attend the function notwithstanding the extra ordinary circumstances in which it is being held.
“This shows your resolve, our resolve and common resolve, the resolve of millions of Mumbaikars to defend the values of tolerance and diversity,” Kulkarni said while making opening remarks at the event held at Nehru Centre in Mumbai.
It was attended among others by noted lawyer and historian A G Noorani, journalist Dileep Padgaonkar and film actor Naseeruddin Shah, who were panelists at the launch.
Without naming Shiv Sena, Kulkarni evoked President Pranab Mukherjee’s recent remarks that “tolerance and diversity and core values of Indian civilisation and these must be defended”, he said adding “we shall defend them”.
Earlier, the Shiv Sena shot off a letter to Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis in which it has pointed out the reported anti-India statements made by former Pakistan foreign minister, Khurshid Mahmud Kasuri. The party has claimed that its opposition to Kasuri’s book launch event function continues and that it has no plans of calling of its protests.
“Many people including the Chief Minister feel that the former Pakistan foreign minister has come here as a peacenik. We have written a letter to the Chief Minister pointing out the anti India statements made by Kasuri in the past. It is upto the CM to now decide on whether he should allow the function to take place,” Shiv Sena MP, Sanjay Raut said.
Raut claimed that Kasuri was instrumental in supporting anti-India forces including Kashmiri separatist organisations such as the Hurriyat.
“We have not withdrawn our agitation. We are firm on our decision and on our stand against Pakistan. We are not doing this for any political benefit. We are a nationalist organisation and we are voicing the sentiment of a large section of this country,” Raut said. He added that rolling out the red carpet to an individual like Kasuri was a betrayal of Indian martyrs.
“He has a different language here and different one when he goes to Pakistan. He has strived to strengthen separatist. He believes by doing so the situation of Pakistan on the issue of Kashmir will strengthen,” Raut said.
He also claimed that all those who are supporting Kasuri and who have invited him are anti nationals.
“People who attack us and are seeking the dismemberment of the country cannot be given the status of a guest. Those who are doing so and inviting such people are traitors. They are the hidden Kasabs of this country,” Raut added.
Raut also launched a personal attack on Kulkarni blaming him for taking L K Advani to the Jinnah Mausoleum in Pakistan.
“This is the same Kulkarni who took Advani to the Jinnah Mausoleum for which he is still paying a price,” Raut added.
http://indianexpress.com/article/india/india-others/shiv-sena-withdraws-protest-against-kasuris-book-launch/
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