आजकल
भारत पाक वार्ता :बंद दरवाज़े खुले
सोनिया मायनो -राहुल विन्ची हाज़िर हों
(१)ताकतवर ही कमज़ोर पक्ष से बात करता है। त्रिलोकी के नियंता कृष्ण शान्ति का प्रस्ताव लेकर दुर्योधन के पास गए थे। आगे क्या हुआ वह आज 'इतिहास' कहलाता है। कांग्रेस के प्रवक्ता कौन सा मुख लेकर बोल रहे हैं जिनके पैरोकार मणिशंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद पाकिस्तान जाकर देश विरोधी बातें करते हैं। उन्हें भेजो पाकिस्तान मिस्टर मनीष तिवारी वार्ता को आगे बढ़ाने।
कैसे बौखलाए हुए हैं कांग्रेसी जैसे हज़ार बिच्छु इन्हें एक साथ डस गए हों ऊपर से इन्हें भांग पिला दी गई हो।
(२ )सुब्रामनियम स्वामी जो नेहरू परिवार की असलियत जानते है जिस पर अपना लौह पंजा रख देते हैं वह बचता नहीं है। बकरी मैंमने की तो बिसात ही क्या है। छ : उकील हाईकोर्ट में इस शेर से जिरह करने के लिए छोड़े गए। ये व्यक्ति अपना संयम बनाये रहता है। अपना पूरा होम वर्क करके किसी मामले को हाथ में लेता है।इसने छ : को माकूल ज़वाब देकर निरुत्तर कर दिया।
ये वह शेर है जो आपातकाल के खूनी दिनों में भी इंदिरा के तमाम इंतज़ामों को धता बताकर न सिर्फ अमरीका पहुँच गया था सही वक्त पर भेष बदलकर ये संसद में आकर अपने दस्तखत भी कर गया और अपनी लोकसभा सदस्यता बचा ले गया गया। जब स्वामीजी का विमान उड़ गया तब जाकर इंदिरा इंतजामिया को इसकी भनक पड़ी।
मंदमति मैमना समझ ले ये तो अभी बॉस के चमचे का लौह पंजा पड़ा है और माँ बेटा को हुकुम हुआ है निचली अदालत में हाज़िर होने का ,बॉस का लप्पड़ पड़ेगा तब क्या हश्र होगा ?इटली में जाके गिरेंगे बकरी मैमना।
(३)भगवान कृष्ण ने दुष्टों का संहार किया था। डॉ. सुब्रामनियम स्वामी राजनीतिक भ्रष्टाचार से अकेले लड़ रहे हैं अपने बूते पर। हमारा मानना है ऐसे व्यक्ति को राजनीतिक भ्रष्टाचार संहार सम्मान सुदर्शन चक्र से नवाज़ा जाए।
भारत पाक वार्ता :बंद दरवाज़े खुले
सोनिया मायनो -राहुल विन्ची हाज़िर हों
(१)ताकतवर ही कमज़ोर पक्ष से बात करता है। त्रिलोकी के नियंता कृष्ण शान्ति का प्रस्ताव लेकर दुर्योधन के पास गए थे। आगे क्या हुआ वह आज 'इतिहास' कहलाता है। कांग्रेस के प्रवक्ता कौन सा मुख लेकर बोल रहे हैं जिनके पैरोकार मणिशंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद पाकिस्तान जाकर देश विरोधी बातें करते हैं। उन्हें भेजो पाकिस्तान मिस्टर मनीष तिवारी वार्ता को आगे बढ़ाने।
कैसे बौखलाए हुए हैं कांग्रेसी जैसे हज़ार बिच्छु इन्हें एक साथ डस गए हों ऊपर से इन्हें भांग पिला दी गई हो।
(२ )सुब्रामनियम स्वामी जो नेहरू परिवार की असलियत जानते है जिस पर अपना लौह पंजा रख देते हैं वह बचता नहीं है। बकरी मैंमने की तो बिसात ही क्या है। छ : उकील हाईकोर्ट में इस शेर से जिरह करने के लिए छोड़े गए। ये व्यक्ति अपना संयम बनाये रहता है। अपना पूरा होम वर्क करके किसी मामले को हाथ में लेता है।इसने छ : को माकूल ज़वाब देकर निरुत्तर कर दिया।
ये वह शेर है जो आपातकाल के खूनी दिनों में भी इंदिरा के तमाम इंतज़ामों को धता बताकर न सिर्फ अमरीका पहुँच गया था सही वक्त पर भेष बदलकर ये संसद में आकर अपने दस्तखत भी कर गया और अपनी लोकसभा सदस्यता बचा ले गया गया। जब स्वामीजी का विमान उड़ गया तब जाकर इंदिरा इंतजामिया को इसकी भनक पड़ी।
मंदमति मैमना समझ ले ये तो अभी बॉस के चमचे का लौह पंजा पड़ा है और माँ बेटा को हुकुम हुआ है निचली अदालत में हाज़िर होने का ,बॉस का लप्पड़ पड़ेगा तब क्या हश्र होगा ?इटली में जाके गिरेंगे बकरी मैमना।
(३)भगवान कृष्ण ने दुष्टों का संहार किया था। डॉ. सुब्रामनियम स्वामी राजनीतिक भ्रष्टाचार से अकेले लड़ रहे हैं अपने बूते पर। हमारा मानना है ऐसे व्यक्ति को राजनीतिक भ्रष्टाचार संहार सम्मान सुदर्शन चक्र से नवाज़ा जाए।
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