रविवार, 20 दिसंबर 2015

अभी तो कोयलों में काग बहुत बाकी हैं - एक ही लालमोती क़ानून की जद में आये हैं - अभी कुछ और करो - रफ्ता -रफ्ता मायनो गिरोह के दूसरे शातिर भी लपेटे में आयेंगे। हेराल्ड के दाग -अरे ये तो बिस्मिल्लाह है।

बर्बाद चमन को करने को ,बस एक ही वाड्रा काफी था ,

हर शाख पे वाड्रा बैठा है ,अंजामे मायनो क्या होगा।

मार्च के पहले पखवाड़े में पूर्ण खग्रास (Total solar eclipse )का संयोग है ये मायनो -मतिमंद - वाड्रा वर्णसंकर कुनबा जिस राह पे चल पड़ा है ,अपने भ्रष्ट होने को अपनी शहादत की तरह पेश कर रहा है ,मार्च २०१६ के आते आते जेल में होगा।

इस गिरोह के दूसरे सदस्य जिन -जिन पर वाड्रा की मेहरबानियाँ हुईं हैं मसलन हरयाणा के पूर्वमुख्यमंत्री हुड्डा क़ानून की पकड़ में आने लगे हैं। बेचारे हुड्डा ,बंसीलाल की तरह शातिर नहीं थे जिन्होनें संजय गांधी का खूब इस्तेमाल किया और साफ़ बचे रहे। हुड्डा का इस्तेमाल करके वाड्रा पतली गली से निकल गया। अब क़ानून की जद  में है इसीलिए गिरोह की गोलबंदी में मुखरित है। अग्नि बुझने से पहले भड़कती भभकती है।

 अभी तो कोयलों में काग बहुत बाकी हैं -

एक ही लालमोती क़ानून की जद  में आये हैं -

अभी कुछ और करो -

रफ्ता -रफ्ता मायनो गिरोह के दूसरे शातिर भी लपेटे में आयेंगे।

हेराल्ड के दाग -अरे ये तो बिस्मिल्लाह है। 

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