गुरुवार, 4 जून 2015

कौन रोकता है सच बोलने से ?

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद  शर्मा की ये पेशकश कि अपने विदेशी दौरों में मोदी जहां जहां जाएँ उनके साथ काॅन्ग्रेसी प्रवक्ता भी साथ साथ जाए दिलचस्प है। इस  काम के लिए उनसे उपयुक्त और भरोसेमंद व्यक्ति सोनियावी हुश हुश कांग्रेस को और कौन मिल सकता है। शौक से जाएँ और एनआरआईज़ जो अब विदेशों में स्वाभिमान के साथ चलने लगें हैं ये  बतलाएं (हालांकि की वे  कांग्रेस की औकात को स्वदेशी भारतीयों से ज्यादा जानते हैं ) कि हमने अपने दस साला शासन में बिला नागा हर साल एक घोटाला किया था।

ये भी बतलाएं :

कांग्रेसी प्रतीक मानक जवाहरलाल कश्मीर मामले को घसीटकर यूएनऒ में उस समय ले गए जबकि भारतीय फ़ौज़ के जांबाज़ सिपाही कबाइलियों को घसीटते  हुए पाकिस्तान में खासा अंदर घुसचुके थे।और  ये सब पंडितजी ने सिर्फ अपनी आलमी छवि चमकाने के इरादे से ही किया था। कश्मीर समस्या भारत के लिए तभी से एक नासूर बना रहा है।

ज़िक्र अपने उस पूर्व विदेश मंत्री का भी करें जो यूएनओ में जाकर किसी और देश के लिए लिखा गया भाषण (वक्तव्य /प्रतिवेदन ))पढ़ने लगा था।ज़नाब  सलमान खुर्शीद के बारे में ये भी बतलाएं कि  उन्होंने किस तरह किसी नामचीन गुंडे की तरह  स्वामी असत्यानन्द (केजरीवाल )को अपनी जांघ ठोकते हुए ये कहकर धमकाया था -मेरे इलाके में आके दिखा। केज़रीवाल ने सिर्फ विकलांगों के लिए  उस ट्रस्ट द्वारा खर्च की गई  राशि का हिसाब माँगा था जिसकी सर्वेसर्वा  मोतरमाखुर्शीदा बेगम थीं।

शौक से कांग्रेस प्रवक्ता विदेशी दौरों में मोदी के पीछे  जाएं और विदेशियों को कलंकित कांग्रेस का कलंकित इतिहास बतलायें। कौन रोकता है सच  बोलने से। 

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