फ़र्ज़ी डिग्री की सरकार अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए अब आंतरिक लोकपाल बिठाएगी ,यानी अब चोर ही चोर की जांच करेगा। स्वामी असत्यानन्द केजरीवाल को न किसी लोवर कोर्ट पर भरोसा है न हाईकोर्ट पर। दिलीप पांडे जी का नाम आंतरिक लोकपाल के लिए प्रस्तावित है। प्रशाशनिक लोकपाल सम्माननीय रामदास (पूर्व एडमिरल भारतीय नौसेना )जी को हटाकर सोमनाथ भारती को क़ानून मंत्री बनाया गया था। उनके खिलाफ उनकी पत्नी ने हलफनामा दायर किया है कि ये कथित परमेश्वर उन्हें और उनके बच्चों को पीटता है।
जितेंद्र पांडे को एक नगर से दूसरे में उनकी फर्जी डिग्रियों की जांच के लिए ले जाया जा रहा है।अब तक यह यात्रा फैज़ाबाद से भागलपुर तक हो चुकी है। जिस भागलपुर विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर राष्ट्रकवि दिनकर रहें हों उसका नाम इस कलंकित सरकार ने बदनाम किया है उससे सम्बद्ध किसी स्नाकोत्तर महाविद्यालय के नाम से जनाब जीतेन्द्र तोमर क़ानून की फ़र्ज़ीडिग्री लिए हुए हैं। ढीठ हैं कि गुनाह और बे -लज्ज़त। पुलिस सुरक्षा घेरे में इन्हें न लिया गया होता तो भागलपुर के गुस्साए छात्र इनका कचूमर निकाल देते।
स्वामीअसत्यानन्द केजरीवाल को हमारी नेकसलाह है अगला क़ानून मंत्री किसी ज्योतिषी से पूछकर बनाएं। आगे उनकी मर्जी क्योंकि कानून मंत्री का पद मनमोहन की सरकार में भी सुर्ख़ियों में रहा था । इन्हीं केजरी के साथ यूपीए सरकार में क़ानून मैरी मंत्री रहे ज़नाब सलमान खुर्शीद साहब ने बदसलूकी थी , तैश में आकर किसी दसनंबरी की तरह सलमान ने कहा था -बेटा मेरे इलाके (फैज़ाबाद )में आके दिखा तब तुझे विकलांगों की बैसाखियों का हिसाब दूंगा। छटी दूध याद आजायेगा। गौर तलब इनकी बद्सुलीकी से खुश होकर इन्हें पदोन्नत कर विदेश मंत्री बना दिया सोनिया ने।
बकौल अश्वनी उपाध्याय (पूर्व 'आप ' नेता ) केजरी के कोई बीस फीसद विधायक फ़र्ज़ी डिग्रियों से लैस हैं। पूरी सरकार की साख खतरे में आ गई है। साथ की साथ बाकी के अस्सी फीसद विधायकों की भी आंतरिक लोकपाल से जांच करवाके उन्हें क्लीन चिट दे दी जाए।
पूर्व किसान गजेन्द्र की फाँसी का मामला पब्लिक सीबीआई को सौंपे जाने की मांग कर रही है। केजरी मय भाई गजेन्द्र के मामले के संग संग खुद अपनी भी जांच करवा लें । समय का कोई भरोसा नहीं मौसम की तरह है कब बदल जाए इसका कोई निश्चय नहीं। खुदा खैर करे।
जितेंद्र पांडे को एक नगर से दूसरे में उनकी फर्जी डिग्रियों की जांच के लिए ले जाया जा रहा है।अब तक यह यात्रा फैज़ाबाद से भागलपुर तक हो चुकी है। जिस भागलपुर विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर राष्ट्रकवि दिनकर रहें हों उसका नाम इस कलंकित सरकार ने बदनाम किया है उससे सम्बद्ध किसी स्नाकोत्तर महाविद्यालय के नाम से जनाब जीतेन्द्र तोमर क़ानून की फ़र्ज़ीडिग्री लिए हुए हैं। ढीठ हैं कि गुनाह और बे -लज्ज़त। पुलिस सुरक्षा घेरे में इन्हें न लिया गया होता तो भागलपुर के गुस्साए छात्र इनका कचूमर निकाल देते।
स्वामीअसत्यानन्द केजरीवाल को हमारी नेकसलाह है अगला क़ानून मंत्री किसी ज्योतिषी से पूछकर बनाएं। आगे उनकी मर्जी क्योंकि कानून मंत्री का पद मनमोहन की सरकार में भी सुर्ख़ियों में रहा था । इन्हीं केजरी के साथ यूपीए सरकार में क़ानून मैरी मंत्री रहे ज़नाब सलमान खुर्शीद साहब ने बदसलूकी थी , तैश में आकर किसी दसनंबरी की तरह सलमान ने कहा था -बेटा मेरे इलाके (फैज़ाबाद )में आके दिखा तब तुझे विकलांगों की बैसाखियों का हिसाब दूंगा। छटी दूध याद आजायेगा। गौर तलब इनकी बद्सुलीकी से खुश होकर इन्हें पदोन्नत कर विदेश मंत्री बना दिया सोनिया ने।
बकौल अश्वनी उपाध्याय (पूर्व 'आप ' नेता ) केजरी के कोई बीस फीसद विधायक फ़र्ज़ी डिग्रियों से लैस हैं। पूरी सरकार की साख खतरे में आ गई है। साथ की साथ बाकी के अस्सी फीसद विधायकों की भी आंतरिक लोकपाल से जांच करवाके उन्हें क्लीन चिट दे दी जाए।
पूर्व किसान गजेन्द्र की फाँसी का मामला पब्लिक सीबीआई को सौंपे जाने की मांग कर रही है। केजरी मय भाई गजेन्द्र के मामले के संग संग खुद अपनी भी जांच करवा लें । समय का कोई भरोसा नहीं मौसम की तरह है कब बदल जाए इसका कोई निश्चय नहीं। खुदा खैर करे।
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