बुधवार, 10 जून 2015

स्वामी असत्यानन्द केजरीवाल की सरकार में और भी नकली डिग्रीसज्जित मंत्री हैं

स्वामी असत्यानन्द केजरीवाल की सरकार में क़ानून तोड़कर (क़ानून को धता बताकर )श्री जीतेन्द्र तोमर क़ानून मंत्री बना दिए गए। स्वामी असत्यानन्द केजरीवाल गत चार माह से जबसे तोमर की नकली डिग्री का मुद्दा उछला था यही राग अलाप रहे थे कि 'मैंने उनकी डिग्रियां  देख  लीं हैं और कि उनकी तमाम डिग्रियां असली हैं । यूनिवर्सिटी नकली हो सकती है हमारे मंत्री की डिग्री नहीं।

मानो डिग्री की वैधता की जांच का अधिकार भी केजरीवाल के पास रहा आया हो और ये काम विश्विद्यालय के दायरे से बाहर का रहा हो।

अब आशंका ये व्यक्त की जा रही है कि इनकी सरकार में और भी नकली डिग्री धारी मंत्री हैं। बे -शर्मी  के साथ 'आप ' पार्टी के लोग नारे लगा रहे थे -नकली डिग्री वालों आगे आओ ,हम तुम्हारे साथ हैं।

एक 'आप ' साहब फर्मा रहे हैं -क़ानून मंत्री श्री तोमर ने नैतिकता के आधार पर अपने  पद से इस्तीफा दे दिया है। कितनी नैतिकता इस तोमर नाम के शख्स में है ये सच सामने आने वाला है पुलिस रिमांड में इस कथित नैतिक व्यक्ति को राम मनोहर लोहिया के नाम से चलने वाले अवध विश्विद्यालय ,फरुख्खाबाद के अधिकारियों के सामने ले जाया गया है ताकि इनके गैंग से जुड़े अन्य नैतिक लोगों का पर्दा फाश हो सके।

पता चले कौन कौन खुला खेल फरुख्खाबादी खेलते रहे हैं।



फर्जी डिग्री रखने के आरोप में अरेस्ट दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर दिल्ली पुलिस फैजाबाद रवाना हो गई है। बुधवार सुबह पुलिस तोमर के साथ लखनऊ पहुंची और बाद में फैजाबाद के लिए रवाना हो गई। यहां अवध यूनिवर्सिटी में उनकी डिग्री की जांच की जाएगी।

तोमर को फैजाबाद लेकर गई दिल्ली पुलिस, अवध यूनिवर्सिटी में होगी डिग्री की जांच


लखनऊ पहुंचने पर तोमर ने आरोप लगाया कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि उन्होंने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया है। उनके इस्तीफे को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा गया है।

दिल्ली की त्रिनगर विधानसभा सीट से विधायक चुने जाने के बाद पहली बार मंत्री बने तोमर को दिल्ली पुलिस ने डिग्रियों में फर्डीवाड़ा करने को लेकर मंगलवार को अरेस्ट करके कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट में पुलिस का कहना था कि कानून की डिग्री संबंधित उनके डॉक्युमेंट्स फर्जी हैं।

कोर्ट को पुलिस ने बताया कि तोमर के डॉक्युमेंट्स की जांच के लिए उन्हें यूपी के फैजाबाद और बिहार के भागलपुर ले जाकर वेरिफिकेशन करनी होगी। इसके बाद कोर्ट ने तोमर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

आम आदमी पार्टी सरकार आरोप लगा रही है कि केंद्र दबाव बनाने के लिए यह कार्रवाई कर रहा है। मगर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इसमें केंद्र का कोई दखल नहीं है।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि एक महीने तक चली जांच में डिग्रियों को लेकर तोमर के दावे झूठे पाए जाने के बाद ही मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि साल 2011 में तोमर ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को जो डॉक्युमेंट्स सौंपे थे, वे फर्जी हैं।

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