इलाज़ (उपचार अथवा Treatment)
भले ही रोग के इलाज़ के आज अनेक विकल्प मौजूद हैं लेकिन रोग पूर्व की अवस्था में मरीज़ नहीं लौट सकता है इन उपचारों से अलबत्ता जीवन शैली में यथोचित बदलाव लाकर इसका बेहतरीन प्रबंधन तो किया ही जा सकता है,भौतिक चिकित्सा यानी फ़िज़ियो -थिरैपी के अलावा दवा -दारु एवं ज़रूरत के अनुरूप शल्य चिकित्सा (Surgery )भी आज उपलब्ध है।
नियमित व्यायाम जोड़ों को हरकत में रखना ,कदकाठी के समनुरूप अपना वजन बनाये रखना ,इसके उपचार की दिशा में मील का पत्थर आज भी साबित हो सकते हैं। अलबत्ता आपको उल्लेखित परमर्श अस्थि एवं काया विशेषज्ञ से मिल सकता है :
Medications :
(१ )इलाज़ में प्रयुक्त दवाएं (Medications )दर्द की असहनीयता ,तेज़ी को तो कम कर ही देती हैं वक्त ज़रुरत पड़ने पर।
दर्द के प्रबंधन में यहां उत्तरी अमरीका में खासतौर पर ,आमतौर पर भी एसिटामिनोफेन (Acetaminophen ,व्यावसायिक नाम यहां जिसका Tylenol है )तज़वीज़ की जाती है यह दवा यहां ओवर दा काउंटर भी उपलब्ध रहती है। अलबत्ता चोबीस घंटों में प्रस्तावित अधिकतम डोज़ से ज्यादा इसका सेवन लिवर या यकृत को खराब कर सकता है। नुक्सान पहुंचा सकता है डेमेज कर सकता है Liver को।
दर्द के प्रबंधन में यहां उत्तरी अमरीका में खासतौर पर ,आमतौर पर भी एसिटामिनोफेन (Acetaminophen ,व्यावसायिक नाम यहां जिसका Tylenol है )तज़वीज़ की जाती है यह दवा यहां ओवर दा काउंटर भी उपलब्ध रहती है। अलबत्ता चोबीस घंटों में प्रस्तावित अधिकतम डोज़ से ज्यादा इसका सेवन लिवर या यकृत को खराब कर सकता है। नुक्सान पहुंचा सकता है डेमेज कर सकता है Liver को।
(२ )नान -स्टीरॉइडल एंटी -इन -फ्लेमेट्री ड्रग्स (Nonsteroidal anti-imflammatory drugs NSAIDS):
आइबूप्रोफेन ,आईबूजेसिक(Advil ,Motrin IB),कुछ और दवाएं ,भारत में दी जाने वाली अन्य दवाएं इसी वर्ग में रखी जाएंगी जिनमें पेरासिटामोल के संग ब्रूफेन के अलावा अमूमन सैरापेप्टिड़ेज़ का कॉम्बो आपको मिलेगा।सबसे ज्यादा लोकप्रिय कॉम्बिफ्लेम मिश्र इसी वर्ग में हैं।
लेकिन यहां अमरीका में इन दवाओं की बड़ी खुराकें ,इनसे स्ट्रांगर ज्यादा पोटेंट इसी वर्ग की एनलजेसिक (दर्द -नाशी दवाएं) प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के तहत ही आती हैं खुली बिक्री नहीं है यहां इन दवाओं की।
आइबुप्रोफेन ६ ०० मिलीग्राम वाली आपको फार्मेसी से दवा की पर्ची देने के बाद ही मिलेगी ,जो शीशी आपको मिलेगी उसपर आपका नाम ,तज़वीज़ करने वाले चिकित्सक का नाम ,क्लिनिक ,फोन ,आपका नाम पता फोन ,खुराक प्रति चोबीस घंटों में कितना लेनी है सब सूचना शीशी पर लिखी मिलेगी।
आइबुप्रोफेन ६ ०० मिलीग्राम वाली आपको फार्मेसी से दवा की पर्ची देने के बाद ही मिलेगी ,जो शीशी आपको मिलेगी उसपर आपका नाम ,तज़वीज़ करने वाले चिकित्सक का नाम ,क्लिनिक ,फोन ,आपका नाम पता फोन ,खुराक प्रति चोबीस घंटों में कितना लेनी है सब सूचना शीशी पर लिखी मिलेगी।
पार्श्व प्रभाव (अन्य या अवांछित परिणाम )रहते हैं इन दवाओं के ,स्टॉमक अपसेट के अलावा आइबुप्रोफेन ब्लड -थिनर्स यथा एस्पिरिन के साथ यहां नहीं दी जाएगी। हृदय एवं रक्त संचरण (Cardivascular )एवं रक्तस्राव(bleeding problems ) की समस्याओं के अलावा इन दवाओं के अनियमित अन-रेगुलेटेड दीर्घावधि इस्तेमाल से यकृत और गुर्दे भी खराब हो सकते हैं।
कृपया नोट करें :
'Topical NSAIDs have fewer side effects and may relieve pain just as well.'
(३ )डुलोक्सेटीने (Duloxetine या Cymbalta ):यद्यपि ये दवा अवसाद रोधी (anti-depressant )होने की वजह से डिप्रेशन के मरीज़ों को दी जाती है लेकिन क्रोनिक पेन के प्रबंधन में आस्टिओआर्थराइटिस के मामलों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
Therapy
Cutomized tailor made Physical Therapy:
आस्टिओआर्थराइटिस के मामले में हरेक व्यक्ति के लिए उसके लक्षणों के अनुरूप विशेष व्यायाम प्रभावित जोड़ के आसपास की पेशी को मज़बूत बनाने के लिए करवाए जाते हैं भौतिक परीक्षण के बाद ताकि जोड़ अपनी अधिकमतम सम्भव परास (रेंज )में हरकत कर सके। अलबत्ता नियमित तैराकी करने साइकिल स्टेशनरी या कोई भी साइकिल चलाने के अपने फायदे मिलते हैं।आपके मामले में ऐसा सम्भव है तो ज़रूर करिए।
Occupational Therapy
आक्युपेशनल थिरेपी यानी स्वास्थ्य और पुनर्वास - चिकित्सा:अब यह आपके लिए एक स्वास्थ्य और पुनर्वास चिकित्सा से जुड़ा स्वतन्त्र व्यवसाय का दर्ज़ा पा गया है एक अलग प्रोफेशन भी है।
इसके तहत आपके प्रभावित जोड़ को बचाते हुए आपको रोज़मर्रा के काम करना करते रहना स्वाभाविक तौर पर ,विशेष प्रशिक्षण के ज़रिये सिखलाया जाता है चाहे फिर वह आपका वर्क प्लेस हो घर या दफ्तर जहां भी आप हों ,रोज़मर्रा के काम आप कर सकें। यह एक प्रकार की पुनर्वास चिकित्सा ही है जो आपको खोया हुआ आत्मविश्वावस पुन : प्राप्त करवा सकती है।
बाथ रूम में आप ऊंचे स्टूल पर बैठकर नहा सकते हैं ,कई लोगों को खड़े खड़े नहाने और संतुलन बनाये रखने में तकलीफ हो सकती है कइयों को बचपन से बैठकर नहाने की आदत पड़ी होती है वह भी पालथी मारके बैठकर। प्रोलेप्स डिस्कसर्जरी के बाद कई बार आपके लिए एंडियन स्टाइल का टॉइलट इस्तेमाल करना मुमकिन भी नहीं रह जाता है ,ज़रूरी भी नहीं है आपके जोड़ों के अनुरूप ही इसका चयन होना चाहिए।भारत में हर घर में अब टॉइलट ही नहीं वेस्टर्न स्टाइल का भी टॉइलट होना चाहिए जहां बढ़ती उम्र के लोग जोड़ों के दर्द की चपेट में आम आ रहे हैं।
उँगलियों के जोड़ असरग्रस्त हैं तो लार्ज हेंडिल वाला टूथब्रश- ब्रश करने के लिए चुन सकते हैं।ऐसी छोटी -छोटी बातें आपके दैनिक कामों को आसान बना देती हैं।
Tai chi and yoga
आसानी से की जा सकने वाली खुछ ख़ास कसरतें ,श्वसन का विशेष तरीका न सिर्फ आपके प्रभावित जोड़ों से काम निकलवा लेगा उनकी हरकत की परास, रेंज आफ मूवमेंट भी सुधरेगी इन दोनों ही अति -लोकप्रिय पद्धतियों द्वारा जो आजकल कइयों की दिनचर्या का हिस्सा ही बन गईं हैं। तनाव के प्रबंधन में स्ट्रेस बस्टर समझी गईं हैं ये दोनों परम्परागत पद्धतियां जीवन -शैलियां। अलबत्ता आप खुदमुख्तार न बने किसी माहिर का इन विद्याओं के जानकार का सहारा लें।तभी इनको आज़माएँ।
Cutomized tailor made Physical Therapy:
आस्टिओआर्थराइटिस के मामले में हरेक व्यक्ति के लिए उसके लक्षणों के अनुरूप विशेष व्यायाम प्रभावित जोड़ के आसपास की पेशी को मज़बूत बनाने के लिए करवाए जाते हैं भौतिक परीक्षण के बाद ताकि जोड़ अपनी अधिकमतम सम्भव परास (रेंज )में हरकत कर सके। अलबत्ता नियमित तैराकी करने साइकिल स्टेशनरी या कोई भी साइकिल चलाने के अपने फायदे मिलते हैं।आपके मामले में ऐसा सम्भव है तो ज़रूर करिए।
Occupational Therapy
आक्युपेशनल थिरेपी यानी स्वास्थ्य और पुनर्वास - चिकित्सा:अब यह आपके लिए एक स्वास्थ्य और पुनर्वास चिकित्सा से जुड़ा स्वतन्त्र व्यवसाय का दर्ज़ा पा गया है एक अलग प्रोफेशन भी है।
इसके तहत आपके प्रभावित जोड़ को बचाते हुए आपको रोज़मर्रा के काम करना करते रहना स्वाभाविक तौर पर ,विशेष प्रशिक्षण के ज़रिये सिखलाया जाता है चाहे फिर वह आपका वर्क प्लेस हो घर या दफ्तर जहां भी आप हों ,रोज़मर्रा के काम आप कर सकें। यह एक प्रकार की पुनर्वास चिकित्सा ही है जो आपको खोया हुआ आत्मविश्वावस पुन : प्राप्त करवा सकती है।
बाथ रूम में आप ऊंचे स्टूल पर बैठकर नहा सकते हैं ,कई लोगों को खड़े खड़े नहाने और संतुलन बनाये रखने में तकलीफ हो सकती है कइयों को बचपन से बैठकर नहाने की आदत पड़ी होती है वह भी पालथी मारके बैठकर। प्रोलेप्स डिस्कसर्जरी के बाद कई बार आपके लिए एंडियन स्टाइल का टॉइलट इस्तेमाल करना मुमकिन भी नहीं रह जाता है ,ज़रूरी भी नहीं है आपके जोड़ों के अनुरूप ही इसका चयन होना चाहिए।भारत में हर घर में अब टॉइलट ही नहीं वेस्टर्न स्टाइल का भी टॉइलट होना चाहिए जहां बढ़ती उम्र के लोग जोड़ों के दर्द की चपेट में आम आ रहे हैं।
उँगलियों के जोड़ असरग्रस्त हैं तो लार्ज हेंडिल वाला टूथब्रश- ब्रश करने के लिए चुन सकते हैं।ऐसी छोटी -छोटी बातें आपके दैनिक कामों को आसान बना देती हैं।
Tai chi and yoga
आसानी से की जा सकने वाली खुछ ख़ास कसरतें ,श्वसन का विशेष तरीका न सिर्फ आपके प्रभावित जोड़ों से काम निकलवा लेगा उनकी हरकत की परास, रेंज आफ मूवमेंट भी सुधरेगी इन दोनों ही अति -लोकप्रिय पद्धतियों द्वारा जो आजकल कइयों की दिनचर्या का हिस्सा ही बन गईं हैं। तनाव के प्रबंधन में स्ट्रेस बस्टर समझी गईं हैं ये दोनों परम्परागत पद्धतियां जीवन -शैलियां। अलबत्ता आप खुदमुख्तार न बने किसी माहिर का इन विद्याओं के जानकार का सहारा लें।तभी इनको आज़माएँ।
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