Heavy-drinking 'bad moms' more worrisome than funny
पुरुष ही नहीं महिलायें भी बिंज ड्रिंकिंग के खतरे के वजन को नज़रअंदाज़ करती हैं जबकि
स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल प्रभाव चिल्ला -चिल्ला कर कह रहें हैं : महिलाओं में बे -हिसाब
शराब पीना उल्लेखित खतरों के वजन को बढ़ा रहा है :
(१ )स्तन कैंसर (breast cancer )
(२ )दिल की बीमारी (heart disease)
(३ )यकृत (जिगर )की बीमारी (liver disease )
(४ )यौन संचारी रोग (sexually transmitted diseases STDs)
(५ )अनचाही ,अन -अभिप्रेत ,गर्भावस्था (unintended pregnancy )
(६ )स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्य समस्याएं
बे -हिसाब पीना या बिंज ड्रिंकिंग करने का मतलब चार या चार से ज्यादा ड्रिंक्स दो से लेकर तीन घंटों में हलक के नीचे उतार लेना है ।अमरीकी लेबर कोर्ट के मुताबिक़ अमरीका में रहने वाली आठ में से एक १८ से लेकर ३४ साला महिला बिंज ड्रिंकिंग कर रहीं हैं। पांच में से एक षोडशी(high school girls ) ऐसा ही कर रहीं हैं। टीनएजर्स (हाई स्कूल गर्ल्ज़ )और महिलायें दोनों इसकी चपेट में हैं।तकरीबन २३ हज़ार अमरीकी महिलायें शराब से असर ग्रस्त हैं इनमें से आधी बे -हिसाब पीती हैं।बिंज ड्रिंकर्स हैं।
माहिरों के अनुसार गर्भवती युवतियों और कमसिन, कम उम्र लड़कियों को शराब का किसी भी विध इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
माहिरों के अनुसार वयस्क महिलाओं को एक से ज्यादा ड्रिंक नहीं लेनी चाहिए।
हाल ही में प्रदर्शित फिल्म "A Bad Moms Christmas "इस समस्या को अदृश्य श्रम कानूनों के आलोक में उठाती है हालांकि यह एक कॉमेडी फिल्म है कामदी है ,व्यंग्य -विनोद मनोरंजन प्रधान फिल्म ही है।
Moms drinking alcohol has become a staple of popular culture in the past decade. Two other films, "Girls Trip" and "Fun Mom Dinner," feature moms getting trashed. A mom death-gripping a glass of wine is now a feature on television shows such as "Modern Family" and "Cougar Town."
भारत में भी मम्मियों का शराब पीना ,बिंज ड्रिंकिंग अब लोकप्रिय जनप्रिय सभ्यता (संस्कृति हम इसे नहीं कहेंगे )का हिस्सा बन ने लगी है।गत दशक इसका साक्षी बना है।
कथित आत्म -उत्सर्ग ,परम्परागत रूप से अन्न पूर्णा कही जाने वाली महिला का यह समाज और परिवार के प्रति विद्रोह प्रतीत होता है। शायद अब वह परिवार की धुरी बच्चन(बच्चों ) की पालक होने का खिताब और नहीं चाहती। अपनी आज़ादी और राहत वह शराब में ढूंढ रही प्रतीत होती है।
(ज़ारी )
(शेष आगामी किश्तों में ....)
संदर्भ -सामिग्री :http://www.cnn.com/2017/11/01/health/wine-moms-strauss/index.html
पुरुष ही नहीं महिलायें भी बिंज ड्रिंकिंग के खतरे के वजन को नज़रअंदाज़ करती हैं जबकि
स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल प्रभाव चिल्ला -चिल्ला कर कह रहें हैं : महिलाओं में बे -हिसाब
शराब पीना उल्लेखित खतरों के वजन को बढ़ा रहा है :
(१ )स्तन कैंसर (breast cancer )
(२ )दिल की बीमारी (heart disease)
(३ )यकृत (जिगर )की बीमारी (liver disease )
(४ )यौन संचारी रोग (sexually transmitted diseases STDs)
(५ )अनचाही ,अन -अभिप्रेत ,गर्भावस्था (unintended pregnancy )
(६ )स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्य समस्याएं
बे -हिसाब पीना या बिंज ड्रिंकिंग करने का मतलब चार या चार से ज्यादा ड्रिंक्स दो से लेकर तीन घंटों में हलक के नीचे उतार लेना है ।अमरीकी लेबर कोर्ट के मुताबिक़ अमरीका में रहने वाली आठ में से एक १८ से लेकर ३४ साला महिला बिंज ड्रिंकिंग कर रहीं हैं। पांच में से एक षोडशी(high school girls ) ऐसा ही कर रहीं हैं। टीनएजर्स (हाई स्कूल गर्ल्ज़ )और महिलायें दोनों इसकी चपेट में हैं।तकरीबन २३ हज़ार अमरीकी महिलायें शराब से असर ग्रस्त हैं इनमें से आधी बे -हिसाब पीती हैं।बिंज ड्रिंकर्स हैं।
माहिरों के अनुसार गर्भवती युवतियों और कमसिन, कम उम्र लड़कियों को शराब का किसी भी विध इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
माहिरों के अनुसार वयस्क महिलाओं को एक से ज्यादा ड्रिंक नहीं लेनी चाहिए।
हाल ही में प्रदर्शित फिल्म "A Bad Moms Christmas "इस समस्या को अदृश्य श्रम कानूनों के आलोक में उठाती है हालांकि यह एक कॉमेडी फिल्म है कामदी है ,व्यंग्य -विनोद मनोरंजन प्रधान फिल्म ही है।
Moms drinking alcohol has become a staple of popular culture in the past decade. Two other films, "Girls Trip" and "Fun Mom Dinner," feature moms getting trashed. A mom death-gripping a glass of wine is now a feature on television shows such as "Modern Family" and "Cougar Town."
भारत में भी मम्मियों का शराब पीना ,बिंज ड्रिंकिंग अब लोकप्रिय जनप्रिय सभ्यता (संस्कृति हम इसे नहीं कहेंगे )का हिस्सा बन ने लगी है।गत दशक इसका साक्षी बना है।
कथित आत्म -उत्सर्ग ,परम्परागत रूप से अन्न पूर्णा कही जाने वाली महिला का यह समाज और परिवार के प्रति विद्रोह प्रतीत होता है। शायद अब वह परिवार की धुरी बच्चन(बच्चों ) की पालक होने का खिताब और नहीं चाहती। अपनी आज़ादी और राहत वह शराब में ढूंढ रही प्रतीत होती है।
(ज़ारी )
(शेष आगामी किश्तों में ....)
संदर्भ -सामिग्री :http://www.cnn.com/2017/11/01/health/wine-moms-strauss/index.html
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