देश भक्त छिपते नहीं भाई ,
जय भारत ,जय हिन्द गोसाईं। .
छिपी कहाँ हो ,पूतना माई ,
अनुपम से ,इतना शरमाईं।
कहाँ गए ,वो लोग लुगाई ,
पुरूस्कार जो ,नित लौटाईं।
अपनी करनी ,पर शर्माईं ,
कृपा करो ,गुरुदेव की नाईं।
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