शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

मोदी जी को कोसने वालों को क्या कहेंगे...? ------- ह्-ह्-ह-ह्-ह्-ह्-ह्-हरामज़ादे .......न न न गाली हो जाएगी इन्हें कहिए हवालाबाज़ हवाला- खोर हराम- खोर कहके मुंह का ज़ायका मत खराब कीजे आदम खोर कह लीजे।


मोदी जी को कोसने वालों को क्या कहेंगे...?
------- ह्-ह्-ह-ह्-ह्-ह्-ह्-हरामज़ादे .......न न न गाली हो जाएगी इन्हें कहिए हवालाबाज़ हवाला- खोर हराम- खोर कहके मुंह का ज़ायका मत खराब कीजे आदम खोर कह लीजे। 
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  • Virendra Sharma इन मा -बेटा हाईकमान के हाथ से लिखी हुई 

    परची उड़ जाए तो लेने के देने पड़ जाएं
    वो अपनी औकात क्यों नहीं समझते 

    वो माँ बेटा- पर्ची देखकर ही सही पढ़ तो लेते हैं भारत की जनता इतने से ही संतुष्ट हो जाती है। हाईकमान माँ- बेटे की औकात वह बाखूबी जानती समझती है। अफ़सोस ये है वे अपनी औकात खुद क्यों नहीं समझते।पर्ची से हटके जुमले बाज़ी पर क्यों उतर आते हैं।उनके लिए यही उचित है मोबाइल से देखकर पढ़ लिख लिया करें ,शोक सन्देश लिख दिया करें।इनके हाथ से लिखी हुई परची उड़ जाए तो लेने के देने पड़ जाएं। 

    मुहावरों की भाषा हईकोर्ट के कई वकील उन्हें सिखा देते हैं। माँ -बेटा वैसा ही बोल देते हैं।जब पिटाई होती है तो उनका सिर भन्ना जाता है। वकील साहब से जिन्हें भारत की जनता उकील साहब कहती है आकर पूछने लगते हैं अब क्या करें। 

    हाल ही में इन्होनें ने प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी को हवाबाज़ कह दिया हवा बाज़ी करने वाला करार दिया। प्रत्युत्पन्न मति हाज़िर ज़वाब सब कुछ सोच समझकर बोलने वाले हमारे मोदी साहब कब चूकने वाले थे। उन्होंने कहा जब से हमने काला धन ढूंढने की गति बढ़ा दी है कुछ हवाले बाज़ और एक राष्ट्रीय हवाला पार्टी घबराने लगी है। 

    हमारा मनीष तिवारियों और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे उकीलों से निवेदन है वे भी अपने हाईकमान की औकात समझें और उनकी भद्द न पिटवाएं हमें बहुत बुरा लगता है।


  • निंदक नियरे राखिये आँगन कुटि छवाय ,

    बिन पानी साबुन बिना निर्मल होत सुभाय। 

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