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इनके मुंह से कभी भारत
जय सोनी मोनी मूढ़मते ,
जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
जय सोनी मोनी मूढ़मते ,
जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
जय सोनी मोनी मूढ़मते , जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
कल पढ़ियेगा ये पूरी रचना।
अभी रचनाधीन है।
इनके मुंह से कभी भारत
माँ की जय नहीं सुना। क्या
आपने सुना है ?
जय सोनी मोनी मूढ़मते ,
जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
जय सोनी मोनी मूढ़मते ,
जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
जय सोनी मोनी मूढ़मते , जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
पूरी रचना कल पढ़िए
कल पढ़ियेगा ये पूरी रचना।
अभी रचनाधीन है।
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