नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा के बीच 11 समानताएं
बैंगलोर। नरेंद्र मोदी की ओर से यह बयान दिया गया कि अंडरवर्ल्ड डॉन
और मुंबई बम धमाकों के आरोपी दाउद इब्राहीम को भारत लाने के
बजाय
अमेरिका की ही तरह हुई कार्रवाई में वहीं खत्म कर देना चाहिए। यह
संयोग ही है कि इस बयान से कुछ समय पहले ही एक पूर्व अमेरिकी
सचिव की ओर से नरेंद्र मोदी की तुलना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड
रीगन से की गई थी। भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति और उनका प्रशासन
नरेंद्र मोदी के खिलाफ हो लेकिन यह बात सच है कि कुछ हद तक नरेंद्र
मोदी और ओबामा कुछ बातों में एक जैसे ही नजर आते हैं। मोदी ने जब
दाउद का जिक्र छेड़ा तो हमने सोचा कि क्यों न उन बातों के बारे में पता
लगाया जाए जो दोनों नेताओं के बीच एक जैसी हैं। हो सकता है कि कुछ
लोगों को यह बात नागवार गुजरे लेकिन यह सच है कि दोनों नेताओं के
बीच कुछ ऐसी बातें हैं जो एक जैसी हैं। दोनों ही के बीच कुछ ऐसी
समानताएं हैं जिन पर कभी उनके विरोधी उन्हें आड़े हाथों लेते हैं तो
कुछ
ऐसी बातें जो उन्हें अपने चाहने वालों के बीच लोकप्रिय बना डालती हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा हों या फिर बीजेपी के प्रधानमंत्री
पद
के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, दोनों ही नेता न सिर्फ अपने देश में बल्कि
अपने देश की सीमाओं से बाहर जाकर भी अक्सर चर्चा का विषय रहते
हैं। ओबामा और मोदी की लोकप्रियता का आलम भी लगभग एक जैसा
ही है। आगे की स्लाइड्स में देखिए कि आखिर वो ऐसी कौन सी बातें हैं
जिनका जिक्र करते समय कभी ओबामा तो कभी मोदी की याद आ
जाती है।
आतंकवाद पर एक जैसी सोच बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी दोनों ही
आतंकवाद और इसे पनाह देने वाले देशों के खिलाफ एक जैसा रवैया
रखते हैं। दाऊद को लेकर जो बात नरेंद्र मोदी ने कही उसी तरह से
ओबामा ने भी अमेरिकी जनता से वादा किया था कि वह ओसामा बिन
लादेन को उसके गढ़ में ही मार गिराएंगे।
एक ही जैसा आलम नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा दोनों की लोकप्रियता
उनके देश के लोगों में एक जैसी ही है। ओबामा और मोदी कहीं भी जाते
हैं, लोगों की भीड़ उनका पीछा करती है। उन्हें देखने के लिए आ जाती है।
दोनों आतंकियों के निशाने पर नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा दोनों
नेताओं की सुरक्षा का घेरा इतना मजबूत है कि परिंदा भी पर नहीं मार
सकता है। जहां नरेंद्र मोदी एनएसजी और गुजरात पुलिस के 45 सुरक्षा
जवानों से घिरे रहते हैं तो बराक ओबामा की सुरक्षा में भी होमलैंड
सिक्योरिटी के 60 गार्ड्स हमेशा तैनात रहते हैं। ओबामा और मोदी दोनों
ही आतंकियों के निशाने पर हैं।
दोनों के दमदार भाषण बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी दोनों ही नेताओं
के
भाषणों को अगर सुना जाए तो पता लग जाता है कि दोनों ही नेता अपने
राजनीतिक भाषणों में काफी माहिर हैं। दोनों को काफी बेहतरी से मालूम
है कि उन्हें कब कौन सी बात का जिक्र करना है और कब कौन सी बात
को नजरअंदाज कर जाना है। वर्ष 20 12 के चुनावी कैंपेन में अगर
ओबामा ने रिपब्लिकन लीडर मिट रोमनी पर आतंकवाद, वित्तीय
सुरक्षा
और महंगाई जैसे मुद्दों पर निशाना साधा था।
मोदी की तरह ओबामा की भी आलोचना कभी विदेश नीति तो कभी
हेल्थ
इंश्योरेंस पॉलिसी की वजह से अक्सर बराक ओबामा को शिकार होना
पड़ता है। ठीक उसी तरह से नरेंद्र मोदी की भी उनके राज्य में मौजूद
सुरक्षा, वहां के विकास के मुद्दे और उनकी कुछ बातों पर चुप्पी की वजह
से उनकी आलोचना होती रहती है।
मोदी की तरह ओबामा की भी आलोचना कभी विदेश नीति तो कभी
हेल्थ
इंश्योरेंस पॉलिसी की वजह से अक्सर बराक ओबामा को शिकार होना
पड़ता है। ठीक उसी तरह से नरेंद्र मोदी की भी उनके राज्य में मौजूद
सुरक्षा, वहां के विकास के मुद्दे और उनकी कुछ बातों पर चुप्पी की वजह
से उनकी आलोचना होती रहती है।
ओबामा और मोदी दोनों ही स्टाइलिश नेता अमेरिकी राष्ट्रपति बराक
ओबामा और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही स्टाइलिश नेता
के
तौर पर मशहूर हैं। ओबामा के फैंस उन्हें उनके सूट, व्हाइट शर्ट्स, टाई
और कैजुअल आउटफिट्स की वजह से स्टाइलिश लीडर करार देते हैं तो
वहीं नरेंद्र मोदी के मेकओवर के बाद उनके फैंस उनके आउटफिट्स को
पसंद करने लगे हैं। मोदी इन चुनावों में एक स्टाइलिश नेता के तौर पर
उभरे हैं।
मोदी और ओबामा की जिंदगियों पर नजरें बराक ओबामा की व्यक्तिगत
जिंदगी अक्सर लोगों के बीच चर्चा का विषय रहती है। उसी तरह से नरेंद्र
मोदी को भी अपनी व्यक्तिगत जिंदगी की वजह से लोगों के सवाल
सुनने पड़ते हैं।
मोदी का आरएसवीपी तो ओबामा का कैफीन ड्रिकिंग नरेंद्र मोदी ने हाल
ही में एक चुनावी रैली में कांग्रेस पार्टी पर आरएसवीपी वाला कमेंट किया
तो कुछ लोगों को हंसी आईं तो कुछ न उन्हीं का मजाक बना डाला। इसी
तरह से जब बराक ओबामा ने अक्टूबर 2012 में डेविड लैटरमैन के शो
पर
आए तो उन्होंने कहा, 'एयरफोर्स वन में इस समय थोड़ी बहुत कैफीन
ड्रिकिंग जारी होगी,' यह कमेंट काफी हिट भी हुआ था।
मोदी ओबामा सोशल मीडिया के मुरीद दोनों ही नेता इस समय सोशल
मीडिया पर मौजूद हैं। दोनों ही ट्विटर और फेसबुक के जरिए जनता के
साथ जुड़ते हैं। जहां बराक ओबामा ने वर्ष 2008 और 2012 में सोशल
मीडिया का जमकर प्रयोग किया तो वहीं नरेंद्र मोदी भी इन चुनावों पर
सोशल मीडिया का जमकर प्रयोग कर रहे हैं।
खराब हालत में मिली ओबामा को सत्ता वर्ष 2008 में जब डेमोक्रेटिक
लीडर बराक ओबामा अमेरिकी चुनाव जीत कर सत्ता में आए थे तो वहां
की जनता को उनसे काफी उम्मीदें थीं। ओबामा ने जब सत्ता संभाली थी
तब अमेरिका मंदी के दौर से गुजर रहा था और लोगों को बड़ी उम्मीदें थीं
कि वह देश को इससे उबारने में मदद करेंगे। इसी तरह से नरेंद्र मोदी से
भी लोगों को कुछ ऐसी ही उम्मीदें हैं।
एक राष्ट्रपति तो दूसरा मुख्यमंत्री बराक ओबामा राष्ट्रपति के तौर पर
अपना एक कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और दूसरा जारी है। वहीं नरेंद्र मोदी
भी दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका तीसरा कार्यकाल
गुजरात में जारी है।
http://publication.samachar.com/topstorytopmast.php?sify_url=http://hindi.oneindia.in/news/india/exclusive-similarities-between-us-prez-barack-obama-narendra-modi-lse-297361.html
बैंगलोर। नरेंद्र मोदी की ओर से यह बयान दिया गया कि अंडरवर्ल्ड डॉन
और मुंबई बम धमाकों के आरोपी दाउद इब्राहीम को भारत लाने के
बजाय
अमेरिका की ही तरह हुई कार्रवाई में वहीं खत्म कर देना चाहिए। यह
संयोग ही है कि इस बयान से कुछ समय पहले ही एक पूर्व अमेरिकी
सचिव की ओर से नरेंद्र मोदी की तुलना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड
रीगन से की गई थी। भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति और उनका प्रशासन
नरेंद्र मोदी के खिलाफ हो लेकिन यह बात सच है कि कुछ हद तक नरेंद्र
मोदी और ओबामा कुछ बातों में एक जैसे ही नजर आते हैं। मोदी ने जब
दाउद का जिक्र छेड़ा तो हमने सोचा कि क्यों न उन बातों के बारे में पता
लगाया जाए जो दोनों नेताओं के बीच एक जैसी हैं। हो सकता है कि कुछ
लोगों को यह बात नागवार गुजरे लेकिन यह सच है कि दोनों नेताओं के
बीच कुछ ऐसी बातें हैं जो एक जैसी हैं। दोनों ही के बीच कुछ ऐसी
समानताएं हैं जिन पर कभी उनके विरोधी उन्हें आड़े हाथों लेते हैं तो
कुछ
ऐसी बातें जो उन्हें अपने चाहने वालों के बीच लोकप्रिय बना डालती हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा हों या फिर बीजेपी के प्रधानमंत्री
पद
के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, दोनों ही नेता न सिर्फ अपने देश में बल्कि
अपने देश की सीमाओं से बाहर जाकर भी अक्सर चर्चा का विषय रहते
हैं। ओबामा और मोदी की लोकप्रियता का आलम भी लगभग एक जैसा
ही है। आगे की स्लाइड्स में देखिए कि आखिर वो ऐसी कौन सी बातें हैं
जिनका जिक्र करते समय कभी ओबामा तो कभी मोदी की याद आ
जाती है।
आतंकवाद पर एक जैसी सोच बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी दोनों ही
आतंकवाद और इसे पनाह देने वाले देशों के खिलाफ एक जैसा रवैया
रखते हैं। दाऊद को लेकर जो बात नरेंद्र मोदी ने कही उसी तरह से
ओबामा ने भी अमेरिकी जनता से वादा किया था कि वह ओसामा बिन
लादेन को उसके गढ़ में ही मार गिराएंगे।
एक ही जैसा आलम नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा दोनों की लोकप्रियता
उनके देश के लोगों में एक जैसी ही है। ओबामा और मोदी कहीं भी जाते
हैं, लोगों की भीड़ उनका पीछा करती है। उन्हें देखने के लिए आ जाती है।
दोनों आतंकियों के निशाने पर नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा दोनों
नेताओं की सुरक्षा का घेरा इतना मजबूत है कि परिंदा भी पर नहीं मार
सकता है। जहां नरेंद्र मोदी एनएसजी और गुजरात पुलिस के 45 सुरक्षा
जवानों से घिरे रहते हैं तो बराक ओबामा की सुरक्षा में भी होमलैंड
सिक्योरिटी के 60 गार्ड्स हमेशा तैनात रहते हैं। ओबामा और मोदी दोनों
ही आतंकियों के निशाने पर हैं।
दोनों के दमदार भाषण बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी दोनों ही नेताओं
के
भाषणों को अगर सुना जाए तो पता लग जाता है कि दोनों ही नेता अपने
राजनीतिक भाषणों में काफी माहिर हैं। दोनों को काफी बेहतरी से मालूम
है कि उन्हें कब कौन सी बात का जिक्र करना है और कब कौन सी बात
को नजरअंदाज कर जाना है। वर्ष 20 12 के चुनावी कैंपेन में अगर
ओबामा ने रिपब्लिकन लीडर मिट रोमनी पर आतंकवाद, वित्तीय
सुरक्षा
और महंगाई जैसे मुद्दों पर निशाना साधा था।
मोदी की तरह ओबामा की भी आलोचना कभी विदेश नीति तो कभी
हेल्थ
इंश्योरेंस पॉलिसी की वजह से अक्सर बराक ओबामा को शिकार होना
पड़ता है। ठीक उसी तरह से नरेंद्र मोदी की भी उनके राज्य में मौजूद
सुरक्षा, वहां के विकास के मुद्दे और उनकी कुछ बातों पर चुप्पी की वजह
से उनकी आलोचना होती रहती है।
मोदी की तरह ओबामा की भी आलोचना कभी विदेश नीति तो कभी
हेल्थ
इंश्योरेंस पॉलिसी की वजह से अक्सर बराक ओबामा को शिकार होना
पड़ता है। ठीक उसी तरह से नरेंद्र मोदी की भी उनके राज्य में मौजूद
सुरक्षा, वहां के विकास के मुद्दे और उनकी कुछ बातों पर चुप्पी की वजह
से उनकी आलोचना होती रहती है।
ओबामा और मोदी दोनों ही स्टाइलिश नेता अमेरिकी राष्ट्रपति बराक
ओबामा और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही स्टाइलिश नेता
के
तौर पर मशहूर हैं। ओबामा के फैंस उन्हें उनके सूट, व्हाइट शर्ट्स, टाई
और कैजुअल आउटफिट्स की वजह से स्टाइलिश लीडर करार देते हैं तो
वहीं नरेंद्र मोदी के मेकओवर के बाद उनके फैंस उनके आउटफिट्स को
पसंद करने लगे हैं। मोदी इन चुनावों में एक स्टाइलिश नेता के तौर पर
उभरे हैं।
मोदी और ओबामा की जिंदगियों पर नजरें बराक ओबामा की व्यक्तिगत
जिंदगी अक्सर लोगों के बीच चर्चा का विषय रहती है। उसी तरह से नरेंद्र
मोदी को भी अपनी व्यक्तिगत जिंदगी की वजह से लोगों के सवाल
सुनने पड़ते हैं।
मोदी का आरएसवीपी तो ओबामा का कैफीन ड्रिकिंग नरेंद्र मोदी ने हाल
ही में एक चुनावी रैली में कांग्रेस पार्टी पर आरएसवीपी वाला कमेंट किया
तो कुछ लोगों को हंसी आईं तो कुछ न उन्हीं का मजाक बना डाला। इसी
तरह से जब बराक ओबामा ने अक्टूबर 2012 में डेविड लैटरमैन के शो
पर
आए तो उन्होंने कहा, 'एयरफोर्स वन में इस समय थोड़ी बहुत कैफीन
ड्रिकिंग जारी होगी,' यह कमेंट काफी हिट भी हुआ था।
मोदी ओबामा सोशल मीडिया के मुरीद दोनों ही नेता इस समय सोशल
मीडिया पर मौजूद हैं। दोनों ही ट्विटर और फेसबुक के जरिए जनता के
साथ जुड़ते हैं। जहां बराक ओबामा ने वर्ष 2008 और 2012 में सोशल
मीडिया का जमकर प्रयोग किया तो वहीं नरेंद्र मोदी भी इन चुनावों पर
सोशल मीडिया का जमकर प्रयोग कर रहे हैं।
खराब हालत में मिली ओबामा को सत्ता वर्ष 2008 में जब डेमोक्रेटिक
लीडर बराक ओबामा अमेरिकी चुनाव जीत कर सत्ता में आए थे तो वहां
की जनता को उनसे काफी उम्मीदें थीं। ओबामा ने जब सत्ता संभाली थी
तब अमेरिका मंदी के दौर से गुजर रहा था और लोगों को बड़ी उम्मीदें थीं
कि वह देश को इससे उबारने में मदद करेंगे। इसी तरह से नरेंद्र मोदी से
भी लोगों को कुछ ऐसी ही उम्मीदें हैं।
एक राष्ट्रपति तो दूसरा मुख्यमंत्री बराक ओबामा राष्ट्रपति के तौर पर
अपना एक कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और दूसरा जारी है। वहीं नरेंद्र मोदी
भी दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका तीसरा कार्यकाल
गुजरात में जारी है।
http://publication.samachar.com/topstorytopmast.php?sify_url=http://hindi.oneindia.in/news/india/exclusive-similarities-between-us-prez-barack-obama-narendra-modi-lse-297361.html
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें