मंगलवार, 13 मई 2014

आरोग्य समाचार और मेडिकल मिथ्स

आरोग्य समाचार और मेडिकल मिथ्स  

(१)अखरोट खाके सोइये। अच्छी नींद आएगी क्योंकि इसमें मौजूद है 

हारमोन मिलटनीन (Harmone melatonin ).यूं दिल का भी दोस्त है 

अखरोट।

(२) गर्भवती महिलाओं को स्ट्रेस से मुक्ति दिलवा सकता है योगाभ्यास। 

गर्भावस्था से चस्पां भय को घटाके एक तिहाई  कर देता है। प्रसव को 

सहज़ता प्रदान करता है। गर्भावस्था की अवधि पूर्ण होने की तसल्ली भी 

देता है, योग। अपेक्षाकृत हेल्दी नवजात पैदा होने की संभावना को भी 

बढ़ाता है. स्ट्रेस हारमोन कोर्टिसोल के स्तर को भी घटाता है गर्भ -अवधि 

में योगाभ्यास। 

चिकित्सा मिथ और यथार्थ :

मिथ :गर्भनिरोध गोली (खाने की टिकिया)महिलाओं के मोटापे ,अंडाशय 

के दुबलाने तथा कैंसर के अलावा बांझपन की भी वजह बनती है।

यथार्थ :कामयाब रेहते  हैं ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (ना -कामयाबी की दर बा -

मुश्किल ०.  १ फीसद रहती है )। आधुनिक अद्यतन प्रोद्योगिकी से 

तैयार गर्भ निरोधी गोली मोटापे की वजह नहीं बनती है। गैर -

कैंसरकारी,निरापद रहने वाली वक्षस्थल की बीमारी के अलावा अंडाशय 

कैंसर (ओवेरियन कैंसर ,OVARIAN CANCER ) तथा गर्भाशय 

(बच्चेदानी )के कैंसर से भी बचाव करती है। 

अधुनातन गोली में संतुलन रहता है तीसरी पीढ़ी के प्रोजेस्ट्रोन और 

ईस्ट्रोजन हारमोन में। पूर्व में इनमें प्रोजेस्ट्रोन की लोडिंग (बहुलता )के 

कारण अ-वांच्छित पार्श्व प्रभाव भुगतने पड़ते थे। आधुनिक गोली 

प्रोजेस्टन ईस्ट्रोजन भी काम लिए है। ओव्युलेशन (रिलीज़ आफ ह्यूमेन 

एग ,डिम्ब-क्षरण )का शमन(सप्रेस करना ) करती है गर्भ निरोधी गोली। 








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें