गुरुवार, 15 मई 2014

हमारा चायवाला जीत गया



हमारा चायवाला जीत गया 

१९४७ के बाद पहली बार आज ये एहसास हुआ हम आज़ाद हुए हैं। देश को देश के स्वाभिमान को कुचलने वाले रक्त बीज से भले राजनीतिक मुक्ति मिली है लेकिन जब तक एक भी कांग्रेसी इस देश में है देश के स्वाभिमान को ख़तरा बना रहेगा। जंग ज़ारी रहेगी। 

इस देश में घुटन का ये आलम था यहां हिन्दू होना गुनाह हो गया था। सरदार पटेल ने एक मर्तबा कहा था इस देश का सबसे बड़ा मुसलमान तो नेहरू है। नेहरू से लेकर राहुल तक सभी ने इस देश को ठगा है उसके साथ विश्वासघात  किया है।

 हमारे चाय वाले ने कांग्रेस की ऊंची दूकान के फीके पकवानों की पोल खोल दी है। अब फौजियों के कटे सिर  सरहद पार से हमें परोसकर कोई हमारे स्वाभिमान को चोट पहुंचाने की हिमाकत नहीं कर सकेगा। 

आज साफ़ साफ़ हिन्दुस्तान जीता है इंडिआ हारा है। भारतधर्मी समाज ने हमारे चायवाले को काँधे पे उठा लिया है। 

जय भारत। जय हिन्दुस्तान। 

 


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