मंगलवार, 24 अक्तूबर 2017

फ़िल्मी गब्बर सिंह के राजनीतिक अवतार राहुल (गांधी?)? -को यह बिलकुल शोभा नहीं देता है वह अर्थ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर फ़िल्मी अंदाज़ में बात करें।जनरल सर्विसेज़ एन्ड गुड्स टेक्स को गब्बर सिंह टेक्स कहें। हमारे यहाँ परम्परा रही है पात्रता और पात्र के अनुकूल देश काल के मुताबिक़ संवाद बोलने की ,अपनी बात कहने की। लेकिन घियासुद्दीन गाज़ी के वंशज राहुल को सोनिया की कोख से जन्म लेने के कारण राजवंश तो मिल गया ,भाषा वह राजवंश की अर्जित न कर सके। भाषा सीखनी पड़ती है जो उनकी तो कौन कहें उनकी अम्मा आज तक न सीख सकीं ,लेटिन के मार्फ़त हिंदी बोलती हैं आज भी। वे लोग जो गाहे बगाहे अपना वंश कुल गोत्र बदलते रहें हों उन्हें सिर्फ इतना याद रहा के गब्बर कोई डाकू था। वैसे ये बात उनकी ठीक है लेकिन जिस प्रकार इन्हें यह याद रहा है उससे लगता है कांग्रेस के राज में यह कोई इन्कमटैक्सिया था जो जनता का खून चूसता था।

फ़िल्मी गब्बर सिंह के राजनीतिक अवतार राहुल (गांधी?)? -को यह बिलकुल शोभा नहीं देता है वह अर्थ जैसे महत्वपूर्ण 

मुद्दे पर फ़िल्मी अंदाज़ में बात करें।जनरल सर्विसेज़ एन्ड गुड्स टेक्स को गब्बर सिंह टेक्स कहें। 

 हमारे यहाँ परम्परा रही है पात्रता और पात्र के अनुकूल देश काल के मुताबिक़ संवाद बोलने की ,अपनी बात कहने  

की। 

लेकिन घियासुद्दीन गाज़ी के वंशज राहुल को सोनिया की कोख से जन्म लेने के कारण राजवंश तो मिल गया ,भाषा वह राजवंश की अर्जित न कर सके। भाषा सीखनी पड़ती है जो उनकी तो कौन कहें उनकी अम्मा आज तक न सीख सकीं ,लेटिन के मार्फ़त हिंदी बोलती हैं आज भी।  वे  लोग जो गाहे बगाहे अपना वंश कुल गोत्र बदलते रहें हों उन्हें सिर्फ इतना याद रहा के गब्बर कोई डाकू था। वैसे ये बात उनकी ठीक है लेकिन जिस प्रकार इन्हें यह याद रहा है उससे लगता है कांग्रेस के राज में यह कोई इन्कमटैक्सिया था जो जनता का खून चूसता था।

जब इस परिवार पर ,खासकर कांग्रेस पर कोई संकट आता है ये इसी तरह की बे-हूदा बात करते हैं या फिर नेहरू -गांधी परिवार की दुहाई देते हैं जैसे नेहरू कोई बहुत बड़ा आदमी रहा हो और गांधी उसका कोई पिछलग्गू। कहना  गांधी -नेहरू चाहिए ऐसे मौकों पर भी ।लेकिन सारा रोना इसी भाषा का तो है ...इस कुलदीपक के साथ।

यह अपनी अम्मा से पूछकर बतलायें क्या पारसी खानदान में 'गांधी' उपजाति भी रही  है कोई यदि कांग्रेस में किसी और ने डब्बे का दूध नहीं पीया है तो वह बतलाये -क्या पारसियों में गांधी उपजाति या वर्ण रहा है ?

गंगाधर नेहरू उर्फ़ घियासुद्दीन गाज़ी की औलादों को भाषिक ज्ञान क्या कैसा भी ज्ञान नहीं रहा है इसी गफलत के चलते ये शहजादे एक मर्तबा लेडीज़ टॉयलेट में घुस गए थे -ग़ुसल  के बाहर का चिन्ह इन्हें समझ ही नहीं आया था।

और ये घियासुद्दीन गाज़ी से गंगाधर नेहरू बने वंश की बात हम नहीं करते गूगल बाबा करता है। उन्हीं की ये वर्णसंकर संतानें हैं जो अवसर अनुकूल भाषा कभी बोल ही नहीं पाते हैं।

सन्दर्भ -सामिग्री :

(१ )Nehru Family | THE TRUTH OF NEHRU FAMILY
nehrufamily.wordpress.com
The Nehru family starts with the Mughal man named Ghiyasuddin Ghazi. He was the City Kotwal i.e. police officer of Delhi prior to the uprising of 1857, under the ...

(२ )https://nehrufamily.wordpress.com/

(३ )

NEHRU FAMILY TRUTH

The Nehru family starts with the Mughal man named Ghiyasuddin Ghazi. He was the City Kotwal i.e. police officer of Delhi prior to the uprising of 1857, under the Mughal rule. After capturing Delhi in 1857, in the year of the mutiny, the British were slaughtering all Mughals everywhere. The British made a thorough search and killed every Mughal so that there were no future claimant to the throne of Delhi. So, the man Ghiyasuddin Ghazi (the word means kafir-killer) adopted a Hindu name Gangadhar Nehru and thus saved his life by the subterfuge. Ghiyasuddin Ghazi apparently used to reside on the bank of a canal (or Nehr) near the Red Fort. Thus, he adopted the name ‘Nehru’ as the family name. The 13th volume of the “Encyclopedia of Indian War of Independence”(ISBN:81-261-3745-9) by M.K. Singh states it elaborately. The Government of India have been hiding this fact.......  

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