मंगलवार, 17 अक्तूबर 2017

बेशक शोध की खिड़की से जैविक -पक्षीय प्रो -बाइअटिक्स उल्लेखित मामलों में लाभदायक प्रतीत हुए हैं ,फिर भी अभी और अन्वेषण के बाद ही कुछ पुख्ता तौर पर कहा जा सकेगा। (१ )प्रतिजैविक (antibiotics )या जीवाणुनाशक दवाओं के पार्श्व प्रभाव के रूप में कुछ लोगों को होने वाले अतिसार (पानी सा पतला दस्त बिना लक्षणों का )के मामले में प्रो -बाइआटिक्स उपयोगी मालूम पड़ते हैं। (२ )इर्रिटेबिल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों में राहत मिलती देखी गई है। (३ )आंत्र -संक्रमणों के कुछ मामलो में स्वास्थ्य लाभ में तेज़ी आ सकती है इनके स्तेमाल से। (४ )बारहा होने वाला सर्दी जुकाम एवं फ्ल्यू के मामलों की बारम्बारता (बारहमासा पसराव में राहत )में कमी। (५ )एलर्जी से पैदा चमड़ी के विकार कमतर रह सकते हैं। कुछ अन्य जीवन शैली रोगों में इनकी (दोनों प्रो और प्री -बाइआटिक्स की )कारगरता और निरापदता की पड़ताल की जा रही है इन रोगों में मधुमेह (डायबिटीज़ ),कैंसर और हृद -रोगों का नाम लिया जा सकता है। अ -वांच्छित या नया प्रभाव इन दोनों के ही तन्दुरस्त लोगों में दिखलाई नहीं दिए हैं अलबत्ता खाद्य या खुराकी सम्पूर्ण लेने से पहले आप अपने पारिवारिक चिकित्सक ,केयर -टेकर से ज़रूर पूछें

क्या हैं जैविक -पक्षीय जीवाणु -मित्र 'प्रोबाइाटिक्स 'एवं पूर्व -जैविक (प्री -बाइ -आ-टिक्स 

),खुराक में इनका होना ज़रूरी या गैर -ज़रूरी ?


सीधा -सच्चा -सादा  उत्तर है इस प्रश्न का -

भले ये सेहत -सहाय जीवाणु हों किन्हीं अर्थों में लेकिन ज़रूरी नहीं है इनका हमारी खुराक में जगह बनाये रहना। आजकल खासी सुगबुगाहट है इन्हें लेकर दवा निगमों और सम्पूरक निर्माता निगमों में। बीच में अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था एफडीए भी कूदती दिखी है। मामला व्यावसायिक हितों के संरक्षण का ज्यादा दिखता है बहरसूरत इस मामले में हम निर्णायक की भूमिका में नहीं आ सकते। 

दीगर है ये सूक्ष्म -जीव (सूक्ष्म -जैवावयिक संगठन )या ऑर्गेनिज़्म पाचन को कुछ मामलों यथा कब्ज़ियत (कॉन्स्टिपेशन )में टेका लगाए दिख सकतीं हों। कुछ हानिकारक जीवाणुओं के खिलाफ एक कवच बनतीं होवें। आखिर दोनों किस्म के जीवाणुओं का डेरा रहता है  हमारे शरीर में। इनमें से मित्र -जीवाणु पहले ही यह भूमिका अदा कर रहें हैं। 

पूर्व -जैविक या प्री -बाइआटिक्स वास्तव में अपाच्य कार्बोहाइड्रेट होते हैं। यह प्रो -बाइाटिक्स की  खुराक बनते हैं। दोनों में एक प्रकार का सहजीवन परस्पर संवर्धन पोषण देखा जाता है एक प्रकार का लिविंग -इन -रिलेशन कह सकते हैं आप इसको। 

किण्वित खाद्य सामिग्री खासकर दुग्ध उत्पाद (डैरी -प्रॉडक्ट )दही (मिष्ठी  दही या योगर्ट ),'केफिर' (कम चिकनाई वाला  रशियन दही ),इनके घाल -मेल वाले उदाहरण कहे जा सकते हैं। यानी प्रो- ,और प्री - ,दोनों के यौगिकों का यहां संग -साथ रहता है जिसे पोषण विज्ञानियों ने एक नया नाम दिया है -सिंबॉयटिक (Synbiotic ).इन खाद्यों में लाइव बैक्टीरिआ और उनका ईंधन (फ़ूड )मौजूद रहता है।  

प्रो -बाइटिक्स के स्रोत के रूप में दही और sauerkraut(सौएर्क्रौट ,जेरुसलम आर्टिचोक या हाथीचाक )का नाम लिया जा सकता है मोटे अनाज ,केला ,लहसुन -प्याज ,सोयाबीन और एंटिचोक्स जैसे खाद्यों को प्री-बाइ -आ - टिक्स में रखा जाएगा। 
ये दोनों ही खुराकी सम्पूरकों(डाइअट्री -सप्लीमेंट्स ) में भी आपको मिलेंगे। 


देखें सेतु :

Kefir is a fermented milk product similar to yogurt, which originated in Russia. This tangy, creamy milk product is sometimes referred to as the “champagne of milk” because of its fizzy effervescence. The natural carbonation gives kefir a light, foamy, creamy texture, even when made with low-fat milk. 

बेशक शोध की खिड़की से  जैविक -पक्षीय प्रो -बाइअटिक्स उल्लेखित मामलों में लाभदायक प्रतीत हुए हैं ,फिर भी अभी और अन्वेषण के बाद ही कुछ पुख्ता तौर पर कहा जा सकेगा। 

(१ )प्रतिजैविक (antibiotics )या जीवाणुनाशक दवाओं के पार्श्व प्रभाव के रूप में कुछ लोगों को होने वाले  अतिसार (पानी सा पतला दस्त बिना लक्षणों का )के मामले में प्रो -बाइआटिक्स उपयोगी मालूम पड़ते हैं। 

(२ )इर्रिटेबिल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों में राहत मिलती देखी  गई है। 

(३ )आंत्र -संक्रमणों के कुछ  मामलो  में स्वास्थ्य लाभ में तेज़ी आ सकती है इनके स्तेमाल से। 

(४ )बारहा होने वाला सर्दी जुकाम एवं फ्ल्यू के मामलों की बारम्बारता (बारहमासा पसराव में राहत  )में कमी। 

(५ )एलर्जी से पैदा चमड़ी के विकार कमतर रह सकते हैं। 

कुछ अन्य जीवन शैली रोगों में इनकी (दोनों प्रो और प्री -बाइआटिक्स की )कारगरता और निरापदता की पड़ताल की जा रही है इन रोगों में मधुमेह (डायबिटीज़ ),कैंसर और हृद -रोगों  का नाम लिया जा सकता है। 
अ -वांच्छित या नया प्रभाव इन दोनों के ही तन्दुरस्त लोगों में दिखलाई नहीं दिए हैं अलबत्ता खाद्य या खुराकी सम्पूर्ण लेने से पहले आप अपने पारिवारिक चिकित्सक ,केयर -टेकर से ज़रूर पूँछें। 

सन्दर्भ -सामिग्री :

(१ )Reference :https://www.blogger.com/blogger.g?blogID=232721397822804248#editor/target=post;postID=6046058053860176349https://www.blogger.com/blogger.g?blo

अंग्रेजी भाषा में सहज महसूस करने वालों के लिए मूल पाठ आंग्ल भाषा में भी दिया जा रहा है ,कृपया पढ़ें :


Do I need to include probiotics and prebiotics in my diet?


You don't necessarily need probiotics — a type of "good" bacteria — to be healthy. However, these microorganisms might help with digestion and offer protection from harmful bacteria, just as the existing "good" bacteria in your body already do.
Prebiotics are nondigestible carbohydrates that act as food for probiotics. When probiotics and prebiotics are combined, they interact beneficially (symbiotic relationship). Fermented dairy products, such as yogurt and kefir, are considered synbiotic because they contain live bacteria and the fuel they need to thrive.
Probiotics are in foods such as yogurt and sauerkraut; prebiotics are in whole grains, bananas, onions, garlic, soybeans and artichokes. In addition, probiotics and prebiotics are added to some foods and available as dietary supplements.
Although more research is needed, there's evidence that probiotics might help:

  • Treat diarrhea, especially after taking certain antibiotics
  • Treat irritable bowel syndrome
  • Speed treatment of certain intestinal infections
  • Prevent or reduce the severity of colds and flu
  • Ease allergic disorders such as eczema and hay fever
Probiotics and prebiotics are also being studied for effectiveness and safety in other diseases, such as diabetes, cancer and heart disease.
Side effects are rare, and most healthy adults can safely add foods that contain prebiotics and probiotics to their diets. If you're considering taking supplements, check with your doctor to be sure they're right for you.
Reference :

(१ )https://www.blogger.com/blogger.g?blogID=232721397822804248#editor/target=post;postID=6046058053860176349https://www.blogger.com/blogger.g?blo

(२ )ttps://www.google.com/search?q=artichokes+fruit+in+hindi&rlz=1CAACAP_enUS646US647&oq=antichokes+hindi+&aqs=chrome.2.69i57j0l


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