आनंद शर्मा अगर कांग्रेस की अब भी समालोचना नहीं कर सकते और मोदी की तारीफ़ नहीं कर सकते तो बेहतर है चुप रहें नमूदार (प्रकट )होंगे तो जूते पड़ेंगे। सन्दर्भ मोदी की विदेश यात्राओं का है मेक इन इंडिआ को एक ब्रांड बनाने का है। काम करने वाले को देखकर दुनिया खुश होती है स्वयं अमरीका हतप्रभ है ये जान लेने को आज उतावला है आखिर मोदी में ऐसा क्या जादू है जो दुनिया उनके पीछे आ रही है। उनसे सहयोग को उतावली है।
कांग्रेस सौतिया डाह से सुलग रही है। वज्र की तरह देश उस मौनसिंह का बोझ ढोता रहा और सोनिया देश के सीने पे चक्की चलाती रही।एक कठपुतली नुमा को सरकार के नाम पर अपनी उंगलियों के नीचे नचाती रही। अब सोनिया का खेल खत्म हो चुका है। जीजाजी की पोल खुलने वाली है।
क्या आनंद शर्मा उस कोयला मंत्री को विदेश भेजेंगे जो कोयला खा गया उस खेल मंत्री को भेजेंगे जो खेलों का साज़ो सामान हड़प गया। क्या बतायेंगे उस इंडियन डायस्पोरा को जो गत दस सालों से शर्मशार था भारत की वंशधरता को लेकर। अब उसने स्वाभिमान के साथ दुनिया में सिर उठाया है वह आतुर है मोदी को सलाम करने को जिन्होनें एक देश का खोया हुआ स्वाभिमान दोबारा से हासिल करवाया है ।
कांग्रेस मोदी के पीछे पीछे कौन सा चेहरा भेजना चाहती है विदेशों में उनकी खुफिया गिरी करने को जब बात आज की चलेगी तो ज़िक्र कल का भी होगा। कांग्रेस के दशानन चेहरे का भी होगा जिसने दस सालों में दस बड़े घोटाले किये।
क्या कहना चाहते हैं आनंद शर्मा। बेहतर हो मीडिया के सामने हाथ जोड़ दें बजाय कांग्रेस की भद्द पिटवाने के।
जय श्रीकृष्णा
कांग्रेस सौतिया डाह से सुलग रही है। वज्र की तरह देश उस मौनसिंह का बोझ ढोता रहा और सोनिया देश के सीने पे चक्की चलाती रही।एक कठपुतली नुमा को सरकार के नाम पर अपनी उंगलियों के नीचे नचाती रही। अब सोनिया का खेल खत्म हो चुका है। जीजाजी की पोल खुलने वाली है।
क्या आनंद शर्मा उस कोयला मंत्री को विदेश भेजेंगे जो कोयला खा गया उस खेल मंत्री को भेजेंगे जो खेलों का साज़ो सामान हड़प गया। क्या बतायेंगे उस इंडियन डायस्पोरा को जो गत दस सालों से शर्मशार था भारत की वंशधरता को लेकर। अब उसने स्वाभिमान के साथ दुनिया में सिर उठाया है वह आतुर है मोदी को सलाम करने को जिन्होनें एक देश का खोया हुआ स्वाभिमान दोबारा से हासिल करवाया है ।
कांग्रेस मोदी के पीछे पीछे कौन सा चेहरा भेजना चाहती है विदेशों में उनकी खुफिया गिरी करने को जब बात आज की चलेगी तो ज़िक्र कल का भी होगा। कांग्रेस के दशानन चेहरे का भी होगा जिसने दस सालों में दस बड़े घोटाले किये।
क्या कहना चाहते हैं आनंद शर्मा। बेहतर हो मीडिया के सामने हाथ जोड़ दें बजाय कांग्रेस की भद्द पिटवाने के।
जय श्रीकृष्णा
हा..हा.., बहुत ही मजेदार लेख। बहुत ही यथार्थवादी लेख।
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