सोमवार, 10 अगस्त 2020

न जायते म्रियते वा कदाचित न अयं भूत्वा भविता या न भूय: अज : नित्य : शाश्वत अयं पुराण न। (श्रीमदभगवद्गीता २ . २ ० )

न जायते म्रियते वा कदाचित न अयं भूत्वा भविता

या न भूय: अज : नित्य : शाश्वत अयं पुराण न। (श्रीमदभगवद्गीता २ . २ ० )

अयं -यह आत्मा ,कदाचित -किसी काल में ,  न -न ,  जायते -जन्मता है ,   म्रियते -मरता है , वा -अथवा ,न -न अयं -यह आत्मा ,  भूत्वा -हो करके ,  भूय :  -फिर ,  भविता -होने वाला है ,(क्योंकि )अज:  -अजन्मा ,     नित्य :  नित्य (सदैव )   ,     शाश्वत - शाश्वत(निरंतर कायम  रहने वाला ,स्थायी ) और ,  पुराण: -पुरातन है ,  शरीरे -शरीर के ,हन्यमाने -नाश होने पर भी ,   (यह )न हन्यते -नाश  नहीं होता है।




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