मंगलवार, 15 मार्च 2016

एक उम्र अब्दुल्ला साहब हैं -आप कहते हैं (देश विरोधी )नारे लगाने से देश नहीं टूटता है।भाई तर्क को अगर आगे बढ़ाया जाए तो कहा जा सकता है उमर कह रहे हैं किसी की माँ को गाली दो ,मुझे गाली दो ,मुझे बुरा नहीं लगेगा।गाली देने से क्या होता है।

एक कोई असद्दुद्दीन ओवेसी साहब हैं आप फरमाते हैं संविधान में नहीं  लिखा है-भारत माता की जय बोलो। भाई साहब संविधान में तो इंशाअल्लाह भी नहीं लिखा है ,फतवा भी कहाँ लिखा है।फिर क्यों भाई फतवे जारी करते हो। सलमान रुश्दी ने किसी का क्या बिगाड़ा था ?

एक उम्र अब्दुल्ला  साहब हैं -आप कहते हैं (देश विरोधी )नारे लगाने से देश नहीं टूटता है।भाई तर्क को अगर आगे बढ़ाया जाए तो कहा जा सकता है उमर कह रहे हैं किसी की माँ को गाली दो ,मुझे गाली दो ,मुझे बुरा नहीं लगेगा।गाली देने से क्या होता है।

 तमाम तरह के  देश को तोड़ने की साजिश रचने वाले ऐसी ही  सोच के  लोग जिन्हें तर्क करना नहीं आता है क्या भारत धर्मी समाज को उकसा तो नहीं  रहे आओ एक ख़ास वर्ग को एक ख़ास तबके को समवेत स्वर में गाली दो ?

ऐसी ही सोच के लोग जो अपने बाप  को भी बंदी बनाके इस देश पे अपनी सल्तनत कायम किये रहे क्या ये  कह रहे हैं माँ को रखैल बनाके रखने में क्या हर्ज़ है। हमारी सियासत चलनी चाहिए। यही वे लोग हैं जो दूसरी ओर  बात बात पे तलवारें निकाल लेते हैं। बस आप एक कार्टून बना दो। भाई  साहब कार्टून बनाने से अपमान कैसे हो जाता है ?    

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