बुधवार, 11 अक्टूबर 2017

इस्लाम ने उस असीम शक्ति को ९९ नामों तक ही सीमित कर दिया है कहते रहते हैं -ख़ुदा ख़ुदा अरे भाई आप में पात्रता होगी तो वह आएगा -वरना खुद कैसे आएगा। वह तो असीम है ,अनंत कोटि नाम है उसके।आप उसके स्वरूप और नामों को लेकर खुद ही उलझन में हैं ,९९ के चक्र से बाहर नहीं निकल पाएं हैं ,जब उसे जानते ही नहीं तो वह आएगा कैसे ,पहले अपना भांडा तो साफ़ रखो फिर उसकी मर्ज़ी है वह आवे न आवे। आप तो कहते हो काफिरों को मारो तो जन्नत में हूरें मिलेंगी ,यानी जन्नत को भी लोभ लालच के फेर में ला रहें हैं आप।



कबीर हज काबे हउ जाइ था आगै मिलिआ खुदाइ ,

साईं मुझ सिउ लरि परिआ किंहि फुरमाई गाइ।

कबीर हज  काबै होइ होइ गइआ केती बार कबीर ,

साईँ मुझ महि किआ खतामुखहु न बोलै पीर।

भाव सार :कबीर परमात्मा की  सर्व -व्यापकता दर्शाते हुए कहते हैं कि वे हज करने के लिए काबा को चले ,तो आगे से स्वयं खुदा ने टोका। वह स्वामी मुझसे लड़ते हुए बोला ,तुम्हे यह किसने कहा है कि मैं केवल क़ाबा में ही हूँ (और जगहों पर नहीं ).

कबीर हज के लिए काबे में बार -बार गया ,किन्तु न जाने क्या भूल हुई कि काबा का पीर (परमात्मा )उससे सम्बोधित नहीं हुआ।

इसी भाव (परमात्मा की सर्व -व्यापकता और उसके अनंत कोटि नामों का बखान करते हुए) को गोस्वामी तुसलीदास यूं कहते हैं :

हरी अनंत हरी कथा अनंता ,

कहहिं सुनहिं बहु बिधि सभ संता।

हमारा मानना है राम ही अल्लाह है (अल्लाह ही राम )है - रमल्लाह अपभ्रंश  रूप है 'राम ही अल्लाह' का। फिलस्तीनी और यहूदी खामखा इस क्षेत्र पर अपना -अपना कब्ज़ा जताते हैं ,रमल्ला तो सबका है हमारा भी है।
चलो सरयू पर योगी -आदित्यनाथ द्वारा भगवान् राम की प्रतिमा बनाये  जाने के प्रस्ताव पर यदि हमारे चंद मुस्लिम भाई खपा हैं तो मक्का -मदीना ,कथित रमल्ला क्षेत्र में भगवान् राम के प्रतिमा बना लेते हैं।
सर्वव्यापक है खुदा ,अल्लाह ताला।
इस्लाम ने उस असीम शक्ति को ९९ नामों तक ही सीमित कर दिया है कहते रहते हैं -ख़ुदा ख़ुदा अरे भाई आप में पात्रता होगी तो वह आएगा -वरना खुद कैसे आएगा। वह तो असीम है ,अनंत कोटि नाम है उसके।आप उसके स्वरूप और नामों को लेकर खुद ही उलझन में हैं ,९९ के चक्र से बाहर नहीं निकल पाएं हैं ,जब उसे जानते ही नहीं तो वह आएगा कैसे ,पहले अपना भांडा तो साफ़ रखो फिर उसकी मर्ज़ी है वह आवे न आवे। आप तो कहते हो काफिरों को मारो तो जन्नत में हूरें मिलेंगी ,यानी जन्नत को भी लोभ लालच के फेर में ला रहें हैं आप।

सन्दर्भ -सामिग्री :

(१ )https://www.youtube.com/watch?v=7SfjXo99O7U
(२ )सलोक भगत कबीर जीउ के (श्री गुरुग्रंथ साहब सलोक संख्या १९७ -१९८ )
(३ )Ramallah is a Palestinian city in the central West Bank located 10 kilometers (6 miles) north of Jerusalem. In November 2011, King Abdullah II of Jordan visited Ramallah for the first time since 2000.

विशेष :एक फलीस्तीनी नगर है रमल्ला ,केंद्रीय -पश्चिमी तट पर स्थित है यह नगर। येरुशलम से उत्तर दिशा की ओर इसकी दूरी १० किलोमीटर है। (४ )The name Ramallah has its origins in two words, Ram or Rama is an Aramaic word meaning 'a high place' and Allah is the Arabic word for God, making Ramallah God's hill.Ramallah as it now stands, was founded in the sixteenth century and it is one of the most beautiful Palestinian cities.
(५ )Yasser Arafat established his West Bank headquarters, the Mukataa, in Ramallah. Although considered an interim solution, Ramallah became the de facto capital of the Palestinian Authority, now officially known as the State of Palestine.     

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