बच्चो !क्या आप जानते हैं ,आत्मा का पिता कौन है ?
आत्मा का पिता परमात्मा है दोनों दिव्य ऊर्जा हैं सनातन काल से इन दोनों का अस्तित्व बना हुआ है। जब बच्चा माँ के गर्भ में आता
है तब फिमेल एग (ओवम ,Ovam )तथा पिता के शुक्र (sperm ,spermatozoon ,plural spermatozoa )से उसका शरीर बनता है।
आत्मा बाहर से आने वाली दिव्य ऊर्जा है जो परमात्मा का अंश है।परमात्मा भेजता है इसे व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों के हिसाब
से।
परमात्मा ने ही ये दुनिया बनाई है। उसी के अन्दर ये सारा विश्व समाहित है ये दस खरब (one thousand billion
)नीहारिकाएं(galaxies ) इनमें से हरेक में एक ख़रब सितारे (one hundred billion stars ). सब परमात्मा में ही स्थित हैं। जब यह
सृष्टि नष्ट होती है सब कुछ परमात्मा में ही समा जाता है।
वेदों के इस श्लोक का यही अर्थ है :
यतो वा इमानि भूतानि जायन्ते येन जातानि जीवन्ति
यत्प्रयन्त्यभिसंविशन्ति। (तैत्तीरीय उपनिषद ३. १. १ )
जन्माद्यस्य यत: .(वेदान्त दर्शन )
"God is He ,Who has created this world ."
बच्चो!कुछ लोग भगवान् के अस्तित्व पर ही प्रश्न लगाते हैं इनमें कुछ विज्ञानी भी शामिल हैं। कुछ कहते हैं यह सृष्टि किसी ने रची
नहीं है यह हमेशा से ही थी और रहेगी। कुछ इसके जन्म का कारण एक आदिम अणु में हुए विस्फोट को मानते हैं। यह अणु विस्फोट
से पहले एक साथ सब जगह था तथा इसमें सृष्टि का सभी दृश्य तथा अ -दृश्य पदार्थ मौजूद था। विस्फोट के बाद इस अणु के परखचे
उड़ गए इसके अंश फैलते हुए ठंडे होते गए इन्हीं से इस दृश्य जगत की उत्पत्ति हुई है। ईश्वर वीश्वर कुछ नहीं है।
स्काटलैंड के मशहूर भौतिकी विद जेम्स क्लर्क मेक्सवेल ने जो बहुत बड़े ईश्वरवादी थे आस्तिक थे इन लोगों को सबक सिखाने के
लिए सौरमंडल का एक चल (वर्किंग )माडल बनाके अपनी बैठक में रख दिया। दोस्तों ने उसे आश्चर्य के साथ देखते हुए पूछा -अरे ये
किसने बनाया भाईसाहब ?
"किसी ने नहीं "-ज़वाब मिला। बस मैं तो अपने काम में तल्लीन था तभी कमरे में एक धमाका हुआ। मैंने इधर उधर देखा तो यह
माडल दिखाई दिया।
दोस्त बोले क्या हास्यास्पद बात करते हो विज्ञानी होकर। कोई चीज़ अपने आप भी पैदा होती है। और वह भी धमाके में ?किसी ने तो
इसे बनाया ही होगा।
मेक्सवेल बोले तुम ये मान लेने के लिए तो तैयार नहीं हो कि यह नन्ना सा माडल स्वत :निर्मित हो गया लेकिन यह मान लेने के
लिए जिद करते हो ,मनवाने की भी जिद करते हो कि ये इत्ती बड़ी कायनात ,ये दुनिया सूरज चाँद सितारा उस महाविस्फोट की सृष्टि
हैं जिसे खगोल विज्ञानी बिग बैंग कहते हैं।
ईश्वर कार्य कारण सम्बन्ध से मुक्त है वह सब कारणों का कारण है लेकिन स्वयं उसका कोई कारण नहीं है।
"He is beyond all causes and is free of cause and effect relationship ."
सच! कण-कण में तो परमात्मा है..
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