प्रभुजी मोरे अवगुण चित न धरो-व्याख्या सहित
प्रभुजी मोरे अवगुण चित न धरो.
हे ईश्वर हे मेरे आराध्य देव मेरी कमज़ोरियों पर मेरे अवगुणों पर ध्यान न दें उन्हें उन पर विचार न करें चित्त में प्रवेश न दें।
समदर्शी है नाम तिहारो ,
आप गुणी अवगुणी ,कामिक्रोधी पुण्यात्मा जीव मात्र में भेद-भाव नहीं करते सब पर अपनी करुणदृष्टि रखते हैं।
चाहो तो पार करो।
संसार समुद्र से सांसारिक मायावी प्रपंच से मुझे आप चाहे तो तार सकते हैं मेरा भी उद्धार कर सकते है। भवसागर के पार ले जा सकते हैं।
एक लोहा पूजा में राखत ,
लोहे की तलवार पूजी जाती है। मंदिर में देवप्रतिमाओं में स्थान पा जाती है।
एक घर बधिक परो।
एक कसाई के कर्म का साधन बनी हुई है। पशु वध के काम आती है।
सो दुविधा पारस नहीं जानत ,
कंचन करत खरो।
लेकिन आप जैसा पारस पत्थर (गुरु )अपने स्पर्श से दोनों को कंचन (स्वर्ण )बना देता है।
इक नदिया एक नाल कहावत ,
मैला ही नीर भरो.
एक का सदानीरा जल पावित्र्य का प्रतीक पापनाशक ,माना जाता है दूसरे का संदूषण युक्त रोगकारक गंदा नाला समझा जाता है।गंगा नाम पड़ गया दोनों का ,एक का अस्तित्व दूसरे में विलीन हो गया।
जब मिली दोनों एक बरन भये ,
सुरसरि नाम परो.
जब दोनों का मिलन हो जाता है तब सदानीरा गंगा (पापनाशिनी गंगा माता )कहलाते हैं।
एक माया एक ब्रह्म कहावत
सूर श्याम झगरो।
ये जीव ब्रह्म स्वरूप ही है काया (शरीर माया )से बढ़ होने पर ब्रह्म से विमुख हो गया है अपने स्वरूप को बिसरा चुका है ,लेकिन एक बार भी हम ब्रह्म शब्द का उच्चारण कर लें
अब की बेर मोही पार उतारो ,
नहिं पन जात तरो।
के इनको निर्धार कीजिये ,
के पन जात तरो।
मूल पद :
प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार करो प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार करो एक लोहा पूजा मे राखत, एक घर बधिक परो | सो दुविधा पारस नहीं देखत, कंचन करत खरो || प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो…. एक नदिया एक नाल कहावत, मैलो नीर भरो | जब मिलिके दोऊ एक बरन भये, सुरसरी नाम परो || प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो... एक माया एक ब्रह्म कहावत, सूर श्याम झगरो | अब की बेर मोहे पार उतारो, नही पन जात तरो || प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो…. प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार करो
https://www.youtube.com/watch?v=nB_smN--GMo
SUPERHIT SHYAM BHAJAN | Prabhu Ji Mere Avgun Chit Na Dharo with lyrics| New Krishna Bhajan
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