रविवार, 18 अप्रैल 2021

कांग्रेस का रचनात्मक रुख सामने आया है। इस आपदा के वक्त यह बेहद ज़रूरी है उस बिगड़ैल ट्रोलर को भी रोका जाए जो बेहूदा ट्रोल करता छुट्टा घूम रहा है

मान्यवर मनमोहन सिंह जी ,के सभी सुझाव सीधे सरल और अनुकरणीय हैं।  बहुत समय के बाद कांग्रेस का रचनात्मक रुख सामने आया है। इस आपदा के वक्त यह बेहद ज़रूरी है उस बिगड़ैल ट्रोलर को भी रोका जाए जो बेहूदा ट्रोल करता छुट्टा घूम रहा है। ये निहायत अशोभन है उस समय जब हर वक्त हर पहर चैनल प्रत्येक चैनल कोरोना जन्य मृत्यु के आंकड़े से जनमन को आगाह कर रहे हैं ,कि वह सावधान रहे ये इक्यावन साला ट्रोलर 'कब्रितान और श्मशान दोनों का वायदा पूरा किया ' का बे -व्यक्ति बे -सुरा संवेदनहीन राग अलाप रहा है। इसे रोका जाए तत्काल प्रभाव से।दस जनपथ में बैठी फूफी अपने लाडकने को रोके। खिलौना पकड़ा दे कोई इसके हाथ में।  

मनमोहन सिंह का पीएम को पत्र: वैक्सीनेशन में लाएं तेज़ी, वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने समेत दिए ये 5 सुझाव

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने देश में वैक्सीनेश को तेज करने और सबको उपलब्ध कराने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने इस सिलसिले में पीएम को पत्र लिखकर कई सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सही नीतियों और संकल्प से कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है। पढ़िए मनमोहन सिंह का पूरा पत्र:

प्रिय प्रधानमंत्री,

भारत और पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से बीते एक साल से जूझ रही है। इस दौरान बहुत से लोगों ने अपने उन बच्चों को एक साल से नहीं देखा है जो दूसरे शहरों में रह रहे हैं। दादा-दादी ने अपने नाती-पोतों को नहीं देखा है। शिक्षकों ने बच्चों को कक्षा में नहीं देखा है। बहुत से लोगों की रोजी-रोटी छिन चुकी है और लाखों लोग गरीबी के गर्त में घिरे गए हैं। महामारी की दूसरी लहर में लोग अचंभित हैं कि आखिर कब उनकी जिंदगी सामान्य तौर पर पटरी पर आएगी।

बहुत सी चीजें हैं जो महामारी से लड़ने के लिए की जा सकती हैं, लेकिन सबसे बड़ा काम होगा वैक्सीनेशन यानी टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाना। इस सिलसिले में मैं कुछ सुझाव देना चाहता हूं। मैं इन्हें आपके विचारार्थ भेज रहा हूं ताकि आप इसे रचनात्मक सहयोग मानते हुए कदम उठाएंगे, क्योंकि मैं सहयोग में सदा विश्वास करता रहा हूं।

सबसे पहले, सरकार इस बात को सामने रखे कि वैक्सीन की खुराक के विभिन्न वैक्सीन निर्माताओं को अगले 6 महीने के लिए क्या ऑर्डर दिए गए हैं और उन्होंने उसे कितना स्वीकार किया है। अगर हम इस समयसीमा में एक निर्धारित संख्या में लोगों को वैक्सीन देना का लक्ष्य रखते हैं तो हमें समय रहते वैक्सीन का ऑर्डर देना होगा ताकि वैक्सीन निर्माता समयबद्ध उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित कर सकें।

दूसरी बात, सरकार इस बात को साफ करे कि जो भी वैक्सीन की आपूर्ति होगी, उसे देश भर के सभी राज्यों में पारदर्शी तरीके से किस तरह राज्यों तक पहुंचाया जाएगा। केंद्र सरकार इस आपूर्ति का 10 फीसदी अपने पास रख सकती हैं ताकि आपात स्थिति में वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके। लेकिन राज्यों को इस बात के स्पष्ट संकेत मिलें कि उन्हें कितनी और कब वैक्सीन उपलब्ध होगी ताकि वे टीकाकरण की योजना बना सकें।

तीसरी बात, राज्यों को इस मामले में कुछ रियायत देनी चाहिए कि वे अपने हिसाब से फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी तय कर सकें, भले ही उनकी आयु 45 वर्ष से कम ही क्यों न हो। मसलन, कुछ राज्य अपने यहां स्कूली शिक्षकों, बस, थ्री व्हीलर और टैक्सी ड्राइवरों, म्युनिसिपल और पंचायत कर्मचारियों और संभवत: अदालत दाने वाले वकीलों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में डालना चाहें। इन सभी लोगों को वैक्सीन दी जा सके, भले ही उनकी उम्र 45 वर्ष से कम ही क्यों न हो।

चौथी बात, बीते एक दशक में वैक्सीन उत्पादन में भारत दुनिया भर में शीर्ष निर्माता के तौर पर उभरा है, और इसका श्रेय सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों और इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन को जाता है। वैक्सीन बनाने की क्षमता निश्तिक रूप से निजी क्षेत्र के पास है। देश के सामने आई इस जन आपदा के समय में सरकार को सक्रिय रूप से वैक्सीन निर्माताओं का साथ देना चाहिए ताकि वे अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकें, इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें रियायतें और फंड उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही मैं समझता हूं कि इस समय लाइसेंस की अनिवार्यता पर भी पुनर्विचार करना चाहिए ताकि विभिन्न वैक्सीन निर्माता एक लाइसेंस के तहत वैक्सीन का उत्पादन कर सकें। मुझे याद आता है कि ऐसा पहले भी किया गया था जब एचआईवी/एड्स से लड़ने के लिए दवा निर्माण की बात आई थी। कोविड-19 के संबंध में मैंने पढ़ा है कि इजरायल ने वैक्सीन के सिलसिले में लाइसेंस के प्रावधान को अपने यहां लागू कर दिया है और ऐसे में भारत में इसे जल्द से जल्द करने की जरूरत है।

पांचवी बात, चूंकि घरेली आपूर्ति सीमित हैं, ऐसे में यूरोपीय मेडिकल एजेंसी या यूएसफएडीसे द्वारा स्वीकृत किसी भी वैक्सीन को भारत में आयात कर उसका ट्रायल किया जा सकता है, ताकि वैक्सीन की उपलब्धता का अंतर कम किया जा सके। हम एक असाधारण आपदा का सामना कर रहे हैं, और मैं समझता हूं कि विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत होंगे कि इस तरह की रियायत आपात स्थिति में न्यायोचित होगी। इन वैक्सीन को लेने वाले सभी लोगों को इस बात की साफ जानकादी दी जानी चाहिए कि इस वैक्सीन को विदेशों में विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा स्वीकृति के आधार पर उपलब्ध कराया गया है।

कोविड-19 से लड़ाई में हमारा ध्यान वैक्सीन को तेज करने पर सबसे ज्यादा होना चाहिए। हम कितने लोगों को वैक्सीन दे पा रहे हैं इसके आंकड़ों से हमें बहुत उत्साहित नहीं होना चाहिए बल्कि फोकस इस बात पर होना चाहिए कि कितने प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हुआ है। वर्तमान में देश की आबादी के एक बहुत छोटे हिस्सा का ही वैक्सीनेशन हुआ है। मुझे विश्वास है कि सही नीतियों को अपनाकर हम इसमें और तेजी ला सकते हैं।

उम्मीद है कि सरकार इन सुझावों को मानते हुए इन पर त्वरित कार्यवाही करेगी।

सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.navjivanindia.com/news/former-pm-manmohan-singh-writes-to-pm-modi-give-5-suggestion-to-enhance-corona-vaccination-drive-across-country 

शनिवार, 10 अप्रैल 2021

वामपंथी आतंक के कलपुर्जे

वामपंथी आतंक के कलपुर्जे 

आजकल विविध -रूपा वामपंथी आतंकवाद खुलकर खेल रहा है हालांकि अपनी आखिरी साँसें गिन रहा है ,दस जनपथ में बैठी इटली की अम्मा ,टिकैत और अमरिन्दर-सिंहों की फूफी ,ममता की सहोदर ,विषदंतों  यद्यपि इन दिनों कभी -कभार  ही अपना मुंह खोलती है लेकिन जब भी खोलती है भरपूर जहर उगलती है ,बेटा इसका स्वयं नियुक्त वेबिनारियन बन गया है। 

एक नया नरेटिव ये लोग रच रहें हैं -राफेल से लेकर वेक्सीन तक जो कुछ भी देश को आगे  ले जाने वाला है उसका बे धड़क जी जान से टिकैती शैली में भूंडा विरोध करो। नवजीवन जैसे रिसाले ,एनडीटीवी जैसे चैनलिये ,कई पुरूस्कार लौटाऊ अभूतपूर्व प्रोफ़ेसर भी इस मुहीम में शामिल हैं। 

इससे इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता -कोविड १९ वेक्सीन ने भारत के प्रति आलमी इस स्तर पर एक आदर भाव पैदा किया है ,ये ऊलजुलूल सोच के लोग फ्रीडम -हाउस के पे रोल पर हैं। 

चुनाव संपन्न करवाने वाली मशीनरी ,हमारी शहरी मिलिटरी (पोलिस )को निशाने पे लिए रहना इनका असली धर्म है। इनकी शिनाख्त कर लें -बेलट से इन पर ज़ोरदार प्रहार करें आवाज़ इटली तक जानी चाहिए। 

जयश्री राम ,'आपा जी' का काम तमाम   

विशेष :कृपया दीदी सम्बोधन से बचें ममता बनर्जी उर्फ़ शांडिल्य ब्राह्मणी एलियाज़ बेगम ममता जिरजिस बुरा मान जाएंगी  ,दीदी  का ही पर्याय है -आपा (बड़ी बहन )

गौर करें - वेक्सीन की तंगी का ये शोर कांग्रेस कुशासित राज्यों यथा महाराष्ट्र से ही क्यों उठ रहा है ?मोबाइल टावर्स पंजाब में ही क्यों तोड़े गए हैं विधायक ,सांसद ,मंत्री ,संतरी को पंजाब और पच्छिम बंगाल में ही क्यों निशाने पे लिया जा रहा है। 

ये तमाम नैन- सुख जनता को 'सूरदास' समझते हैं ये नहीं जानते सूर के पास जो अंतर -दृष्टि थी वह इन नैन -सुखों और सुख -नैनियों के पास नहीं है.  

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है, ऐसे में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम इन मुद्दों को उठाएं और सरकार पर दबाव बनाएं कि वह जनसंपर्क की तरकीबें अपनाने के बजाय जनहित में काम करे।


फोटोः स्क्रीनशॉट
फोटोः स्क्रीनशॉट

देश में कोरोना वायरस महामारी के मामलों की संख्या में हो रही वृद्धि के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने महामारी की स्थिति का कु -प्रबंधन  किया है। टीकों के निर्यात के फलस्वरूप देश में इसकी भारी कमी होने दी है। उन्होंने विपक्ष द्वारा शासित राज्यों में मामलों की संख्या और मौतों का सही आंकड़ा पेश किए जाने की बात कही और साथ ही सरकार को भारत में टीकाकरण अभियान में गौर फरमाने को कहा।

सोनिया गांधी की यह टिप्पणी कांग्रेस शासित राज्यों और गठबंधन वाले राज्यों से पार्टी के मंत्रियों संग की गई एक बैठक के दौरान आई, जिसमें कोरोना वायरस से लड़ने के प्रयासों, टीके और वेंटिलेटर्स की उपलब्धता की समीक्षा की गई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस बैठक के दौरान मौजूद रहे।


सोनिया गांधी ने कहा, "कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है, ऐसे में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम इन मुद्दों को उठाएं और सरकार पर दबाव बनाएं कि वह जनसंपर्क की तरकीबें अपनाने के बजाय जनहित में काम करें।" उन्होंने आगे कहा, "पारदर्शिता होनी चाहिए। सरकार को कांग्रेस शासित सहित अन्य राज्यों में संक्रमण और मौत के सही आंकड़े पेश करने चाहिए।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा, "हमें सबसे पहले भारत में टीकाकरण अभियान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इसके बाद टीके के निर्यात और इन्हें दूसरे देशों को तोहफे में देने की बात पर गौर फरमाना चाहिए। हमें इस बात पर जोर देना होगा कि जिम्मेदाराना व्यवहार हो और बिना किसी अपवाद के कोविड संबंधी दिशानिर्देंशों और सभी कानूनों का पालन हो।"

गौरतलब है कि भारत में शनिवार को कोरोना के 1.45 लाख से अधिक नए मामले दर्ज हुए हैं और 794 जानें गई हैं। कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति में कमी को लेकर कई राज्यों ने सरकार को घेरा है। पिछले कई दिनों से केंद्र से वैक्सीन की कमी की गुहार लगा रही महाराष्ट्र सरकार को आखिरकार कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़े हैं। वहीं, केंद्र लगातार दावा कर रहा है कि देश में वैक्सीन की कहीं कमी नहीं है। लेकिन इन आरोपों और दावों के बीच देश में लोग कोरोना वायरस के शिकार बनते जा रहे हैं।

पुनश्चय :दोस्तों यकीन मानिये ,ये वक्त दूसरी लहर भी कोरोना की गुज़र जाएगी ,बस आपका सहयोग और खबरदारी चाहिए -आज सब कुछ है भारत के पास पीपीई किट से लेकर वेंटिलेटर तक ,वेक्सीन से लेकर बेहतरीन मास्क तक। अर्थ -व्यवस्था अपने पैरों पुन : खड़ी होकर दौड़ने को है आपका सहयोग चाहिए -आप के साथ ही भारत की सलामती है बढ़ोत्तरी है। 

हरे कृष्णा। 

 

गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

चल दिये सू ए हरम कू ए बुतां से मोमिन जब दिया रंज बुतों ने तो ख़ुदा याद आया

 chal diye sū-e-haram kū-e-butāñ se 'momin'

jab diyā ranj butoñ ne to ḳhudā yaad aayā

-Momin Khan Momin
چل دئیے سوئے حرم کوئے بتاں سے مومنؔ
جب دیا رنج بتوں نے تو خدا یاد آیا
-مومن خان مومن
चल दिये सू ए हरम कू ए बुतां से मोमिन माशूका
जब दिया रंज बुतों ने तो ख़ुदा याद आया

-मोमिन खान मोमिन

सू ए हरम:काबा की जानिब

कू ए बुतां:यार की गली

जब दिया रंज बुतों ने :माशूका ने जब गम दिया ,दर्द दिया ,दिल दुखाया

su e haram: kaaba ki taraf, in the direction of kaaba
ku e butaaN: sanam ki gali, the alley of the beloved
ranj: gham, dukh, sorrow
buton : moorat ya maashooq, idol or beloved

इश्क में मशगूल थे मोमिन ,
जब दिया रंज माशूक ने तो खुदा याद आया। काबा याद आया जब पत्थर की मूरत ने धोखा दिया निर्गुनिया ब्रह्म खुदा याद आया।

इसीलिए अब बेगम ममता मंदिर मंदिर घूम रहीं हैं जाप करती -

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

भाव सार :

1. या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।

नंदी ग्राम में आसन्न हार को देख बौखला गईं हैं कलमा पढ़ने वाली ममता इसलिए जिन्हें बाहरी और गुंडे कहती आईं थी उन्हीं यूपी बिहार वासियों से मदद की गुहार लगा रहीं हैं। 
पूर्व में सोनिया गाँधी को भी लोकतंत्र खतरे में दिखाई दिया था -जब इन  मल्लिकाओं की गद्दी खतरे में आ जाती है तब इन्हें आज़ादी ,लोक तंत्र और कानून का शासन याद आता है सहिष्णुता और भारत का गणतांत्रिक प्रजातांत्रिक स्वरूप याद आता है।