रविवार, 9 अगस्त 2020

काहु न कोउ सुख दुःख कर दाता , निज कृत करम भोग सबु भ्राता। ( १२ )जनम मरन सब दुःख भोगा , हानि लाभ प्रिय मिलन बियोगा। काल करम बस होहिं गोसाईं , बरबस रति दिवस की नाईं। .

चंद छंद ,और अशआर कटवां आज का कैज़ुअल

(१) उनका जो फ़र्ज़ है अहले सियासत जाने ,

    मेरा पैगाम है मोहब्बत ,जहां तक पहुंचे।

(२ )हमने नमाज़ें भी पढ़ी हैं अक्सर ,

     गंगा तेरे पानी से वज़ू करके।

विशेष :सरयू किनारे यही नियम है न की अपवाद ,राममंदिर निर्माण भूमि पूजन के बाद अयोध्या  फैज़ाबाद जुड़वां शहर ने फिर आर्थिक तौर पर अंगड़ाई ली  है। खुदा हाफ़िज़ सबका।

(३ )ज़र्रा ज़रा में खुदा का जहूर है ,

अल्लाह हो कुरआन में रामायण में राम।

(४ )साँच कहूं सुन  लेओ सभइ ,

    जिन प्रेम कियो , तिन ही प्रभ पायो। (गुरु गोविन्द सिंह )

(५ )रामहि केवल प्रेमु पियारा ,

जानै  लेउ जो ,जाननि  हारा।

 (६)   बोले लखन मधुर मृदु बानी ,

  ज्ञान बिराग भगति रस सानी ,

 काहु न  कोउ  सुख दुःख कर दाता ,

 निज कृत करम भोग सबु भ्राता।

(७ )सोइ जानै जेहि देहु जनाई  ,

     जानत तुम्हहिं  तुम्हइ होइ जाई।

(८ )कलियुग केवल हरिगुन गाहा  ,

     गावत नर पावहि थाहा।

(९ )कलियुग कीर्तन ही परधाना ,

     गुरमुख जप ले ल्याए ध्याना।

(१० )मिलहिं न रघुपति बिन अनुरागा ,
   
        किये जोग तप ज्ञान बिरागा।

(११ )बड़े भाग मानुस तनु पावा ,

       सुर दुर्लभ सब ग्रंथहिं गावा।
 
       साधन धाम मोच्छ कर द्वारा ,

       पाई   न जेहिं परलोक सिधारा।

( १२ )जनम मरन सब दुःख भोगा ,

        हानि लाभ प्रिय मिलन बियोगा।

        काल करम बस होहिं गोसाईं ,

        बरबस रति  दिवस की नाईं। .

   (१३ )सुनहु  भरत भावी प्रबल बिलखि कहेउ मुनि नाथ ,

          हानि लाभु जीवन मरनु जसु अपजसु बिधि  हाथ।

          जद्यपि सम  नहीं राग न  रोषू ,

          गहहि न पाप पूनु  ,गुन दोषू।

(१४ )करम प्रधान बिस्व करि  राखा,

       जो जस करइ सो तस फलु चाखा।

दोनों प्रकार का दर्शन चिंतन रहा है पौरबत्य धारा में :प्रारब्ध ,नियतिवाद की भी चर्चा है मानस में -तो श्री अखंड रामयाण (वशिष्ट रामायण ) -पुरुषार्थ की बात करते हुए कहती है -दो जंगली बकरों की लड़ाई है कल का और आज का पुरुषार्थ। यदि आज का पुरुषार्थ (प्रयत्न ,एफर्ट )ताकतवर है तो वह अतीत के पुरुषार्थ को पटखनी देकर नया  पुरुषार्थ भी गढ़ सकता  है ,प्रारब्ध को बदल सकता है।

जयश्री कृष्णा जैश्री राम ,जय हिन्द की सेना प्रणाम !
हरे कृष्णा !प्रभुजी ,नारायणी जी।
     

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