मंगलवार, 7 अगस्त 2018

नहीं देखे पोर्न साइट वरना हो सकते है कई खतरनाक मानसिक बीमारी के शिकार

ओशो सम्भोग से समाधि की बात करते हैं जब मन ठहर जाए इधर उधर न भागे दौड़ से मुक्त हो जाए सम हो जाए हमारी बुद्धि वह समाधि की अवस्था है जो यौन ऊर्जा के रूपांतरण से भी हासिल की जा सकती है। 

मानसिक बीमारी कई 

यौन संबंध सिर्फ एक जिस्म का खेल तमाशा नहीं है चंद जैविक रसायनों की लीला भर नहीं है सेक्स इससे कहीं ज्यादा है। ओशो का यह कहना गलत है किसी भी धर्म गुरु ने सेक्स पर बातचीत नहीं की है। दशम ग्रंथ में गुरुगोविंद सिंह कथाओं के माध्यम से खालसा को समझाते हैं 'काम रस 'भी ज़रूरी है लेकिन ये अच्छे अच्छों को भटका भी सकता है दिशा हीन  होने पर। काम रस का रूपांतरण नाम रस में हो तो एक बड़े रस की प्राप्ति हो काम रस सहज छोटा पड़  जाए। 
पोर्न की लीला ने सेक्स को एक शैतानी तमाशे में बदल के रख दिया है। इस शैतानी सेक्स से हर चंद बचा जाए। सेक्स से नहीं। पोर्न की साइटें काम को एक मैराथन रेस में तब्दील करती दिखतीं हैं जैसे ये भी कोई लम्बी दौड़ हो।  स्पोर्ट्स हो। जिस्म का तमाशा भर हो। 

'कामसूत्र' काम को कला के दर्ज़े तक ले आता है।धर्म ,अर्थ ,काम और मोक्ष जीवन के चार पुरुषार्थ बतलाये गए हैं। धार्मिक आचरण और मान्यताओं के अनुरूप सत्यनिष्ठ होकर पहले धर्म को धारण किया जाए। उस पर आधारित कर्म से कर्तव्यनिष्ठ होकर धन कमाया जाए और धर्मनिष्ठ होकर ही गृहस्थ जीवन में काम को स्थान दिया जाए। काम एक असीम ऊर्जा है जिसका रूपांतरण नए क्षितिज खोल सकता है और भटकाव आपको पोर्न तक ले आएगा।पढ़िए यह रिपोर्ट :   

जयपुर, आधुनिक जमाने को इंटरनेट का जमाना कहा जाता है। क्योंकि इसके माध्यम से हर चीज की जानकारी बस बटन दबाते ही सामने हाजिर हो जाती है। जितना इसका फायदा मिला है उतना ही इसका नुकसान भी लोगों को उठाना पड़ रहा है। इंटरनेट की वजह से लोग बिना मिले लोगों को दोस्त बना लेते है। कभी कभी तो ऐसे मामले भी सामने आए है। जिनके बारे मे सुनकर ही दिमाग खराब हो जाता है।  आजकल के युवाओं में पोर्न साइट देखने की लत बढ़ती जा रही है।

शुरूआत मे तो यह व्यक्ति शौक शौक में देखता है लेकिन यह कब आदत मे परिवर्तित हो जाती है। इसका पता ही नहीं चलता है। तो  अगर आप भी पोर्नोग्राफी साइट देखते है तो संभल जाइए, क्योंकि एक शोध के अनुसार सामने आया है कि यह लत आपको मानसिक रोगी बना सकती है।  इसे लेकर कुछ लोगों का कहना है कि पोर्न से सेक्स जीवन में निखार आता है, जबकि यह एकदम गलत है। यह एक शैतान की तरह है, जिसके कारण पार्टनर से अयथार्थवादी उम्मीदें पैदा होती हैं जो गंदी लत की और अग्रसर करती है।

मेडिकलडेली डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, केस वेस्टर्न रिजर्व युनिवर्सिटी में अध्ययन किया गया जिसमें बताया गया कि पोर्न की लत से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जो लोग लगातार पोर्न देखते है उनमें गुस्सा, अवसाद व चिड़चिड़ेपन की शिकायत देखी गई है।

सन्दर्भ :https://www.blogger.com/blogger.g?blogID=3401949801763536113#editor/target=post;postID=336784911494170115

(२ )https://www.gradesaver.com/kama-sutra/study-guide/summary
(3 )

"Kaam" in Sri Dasam Granth Sahib and Sikhism- Maskeen Ji


https://www.youtube.com/watch?v=5e8ppqdAWwk

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