कॉंग्रेसी कूकर मणि शंकर अय्यर और प्रेम
मणिशंकर अय्यर को प्रेम की बात करने से पहले अपना चेहरा आईने में देखना चाहिए। गौर से देखेंगे तो दो बातें साफ़ गोचर होंगी अहंकार और घृणा उनके चेहरे की सारी पेशियों में व्याप्त है। इसका कारण उनका हिंदुत्व से हिंदुत्व की हर बात से घृणा करना और दर्शाना है।
राहुल प्रेम की बात करें तो समझ में आता है प्रेम पर आँख मारने पर उनका खानदानी वर्चस्व नेहरू पंथी कांग्रेस के दौर से चला आया है। संसद में वे अच्छा मुस्कुराए थे लेकिन आँख मारने की ट्रेनिंग लगता है उन्हें इस अय्यर ने ही दी थी जो राहुल के बचाव में खुलकर उतर आये हैं उनका मकसद राहुल के बहाने प्रखर राष्ट्रीय भाव और हिंदुत्व के प्रतीक मोदी को कोसना भर रह गया है।
नेहरू कितने उदार थे ये बात न करके हम अय्यर साहब की ही बात करते हैं जिन्हें हुर्रियत की गोद बहुत अच्छी लगती है। उनके हृदय में हमारे क्रान्तिकारियों के भी क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर (वीरसावरकर)के प्रति कितनी घृणा रही आई है इसका प्रमाण है पोर्ट ब्लेयर जेल से वह नामपट्टिका तक हटवा देना है जिस पर इस क्रांतिवीर का नाम लिखा था।
अलबत्ता इस आदमी के पाकिस्तान प्रेम से इंकार नहीं किया जा सकता।बस ये विशुद्ध प्रेम की बात न करें इनके मुख से घृणा की बात करना ही स्वाभाविक लगता है।
बताते चले जब नेहरू पंथी कांग्रेस के निष्प्रभाव होते चले जाने की कथा लिखी जायेगी तब अय्यर का नाम सबसे ऊपर आएगा दिग्विजय का बाद में।
राहुल के कच्छे का लाल रंग देख उन्हें हनुमान भक्त बतलाने वाले , उनके जनेएयू की चर्चा करने वाले सुरजेवाला इस लिस्ट में बहुत नीचे आयेगें। सुरजेवाला को मुगालता है इनका सम्बन्ध सूरज से है।
In defense of Rahul Gandhi :कांग्रेसी कूकर अपनी हरकतों से ,बान से बाज नहीं आता
बान बोले तो आदत :
बान हारे की बान न जाए ,
कूकर (कुत्ता )मूते टांग उठाय।
Opinion: Mani Shankar Aiyar On PM’s Reaction To Rahul Gandhi’s Hug
https://timesofindia.indiatimes.com/india/mani-shankar-aiyar-must-apologize-rahul-gandhi-on-neech-remark-row/articleshow/61964676.cms
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मणिशंकर अय्यर को प्रेम की बात करने से पहले अपना चेहरा आईने में देखना चाहिए। गौर से देखेंगे तो दो बातें साफ़ गोचर होंगी अहंकार और घृणा उनके चेहरे की सारी पेशियों में व्याप्त है। इसका कारण उनका हिंदुत्व से हिंदुत्व की हर बात से घृणा करना और दर्शाना है।
राहुल प्रेम की बात करें तो समझ में आता है प्रेम पर आँख मारने पर उनका खानदानी वर्चस्व नेहरू पंथी कांग्रेस के दौर से चला आया है। संसद में वे अच्छा मुस्कुराए थे लेकिन आँख मारने की ट्रेनिंग लगता है उन्हें इस अय्यर ने ही दी थी जो राहुल के बचाव में खुलकर उतर आये हैं उनका मकसद राहुल के बहाने प्रखर राष्ट्रीय भाव और हिंदुत्व के प्रतीक मोदी को कोसना भर रह गया है।
नेहरू कितने उदार थे ये बात न करके हम अय्यर साहब की ही बात करते हैं जिन्हें हुर्रियत की गोद बहुत अच्छी लगती है। उनके हृदय में हमारे क्रान्तिकारियों के भी क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर (वीरसावरकर)के प्रति कितनी घृणा रही आई है इसका प्रमाण है पोर्ट ब्लेयर जेल से वह नामपट्टिका तक हटवा देना है जिस पर इस क्रांतिवीर का नाम लिखा था।
अलबत्ता इस आदमी के पाकिस्तान प्रेम से इंकार नहीं किया जा सकता।बस ये विशुद्ध प्रेम की बात न करें इनके मुख से घृणा की बात करना ही स्वाभाविक लगता है।
बताते चले जब नेहरू पंथी कांग्रेस के निष्प्रभाव होते चले जाने की कथा लिखी जायेगी तब अय्यर का नाम सबसे ऊपर आएगा दिग्विजय का बाद में।
राहुल के कच्छे का लाल रंग देख उन्हें हनुमान भक्त बतलाने वाले , उनके जनेएयू की चर्चा करने वाले सुरजेवाला इस लिस्ट में बहुत नीचे आयेगें। सुरजेवाला को मुगालता है इनका सम्बन्ध सूरज से है।
In defense of Rahul Gandhi :कांग्रेसी कूकर अपनी हरकतों से ,बान से बाज नहीं आता
बान बोले तो आदत :
बान हारे की बान न जाए ,
कूकर (कुत्ता )मूते टांग उठाय।
Opinion: Mani Shankar Aiyar On PM’s Reaction To Rahul Gandhi’s Hug
Hence his denigration of a gesture aimed at indicating that in a democracy we have opponents not enemies, that we do not have to harbour hatred in our hearts against those with whom we do not agree….
from NDTV News – Special
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