पूजा अर्चना के दौरान घर -मंदिर आदि में शंख क्यों बजाया जाता है ?
शंख बजाने से कथा शुरूहोने की और फिर संपन्न होने पर आरती होने की इत्तला हो जाती है। संचार का एक ज़रिया भी रहा है शंख ध्वनि। महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले सब अपने अपने शंख बजाकर युद्धारम्भ की खबर देते हैं। अलबत्ता शंख ध्वनि से तकरीबन आधा - किलोमीटर दायरे में रोगकारकों का विषाणुओं का नाश होता है। शंख ध्वनि मांगलिक समझी गई है। जब कोई बुजुर्ग अपनी उम्र पूरी करके इस दुनिया से उठता है तब भी शंख बजाया जाता है। चंवर भी झला जाता है अर्थी के गिर्द।
शंखध्वनि चित्तशामक का काम करती है शांत करती है चित्त को फलतय : मन भक्ति उन्मुख हो जाता है।
शंख बजाने से कथा शुरूहोने की और फिर संपन्न होने पर आरती होने की इत्तला हो जाती है। संचार का एक ज़रिया भी रहा है शंख ध्वनि। महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले सब अपने अपने शंख बजाकर युद्धारम्भ की खबर देते हैं। अलबत्ता शंख ध्वनि से तकरीबन आधा - किलोमीटर दायरे में रोगकारकों का विषाणुओं का नाश होता है। शंख ध्वनि मांगलिक समझी गई है। जब कोई बुजुर्ग अपनी उम्र पूरी करके इस दुनिया से उठता है तब भी शंख बजाया जाता है। चंवर भी झला जाता है अर्थी के गिर्द।
शंखध्वनि चित्तशामक का काम करती है शांत करती है चित्त को फलतय : मन भक्ति उन्मुख हो जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें