Nanhe Munne

गुरुवार, 1 जुलाई 2021

Home is where my dog is .Stop Poo- llution .

इबारतें भी किस्म किस्म की हैं पलट तेरा ध्यान किधर है से लेकर बुरी नज़र वाले तेरा मुंह काला।  

ये नीम का पेड़ चंदन से कम नहीं ,
हमारा लखनऊ लंदन से कम नहीं। 

त्रेता  में दूध मिला ,द्वापर  में घी ,
कलयुग में मिली दारु ,जी भर के पी। 

दोष नीम में नहीं हमारी जवान में है ,
जो हमेशा मीठा चाहती है। 
 
बहरहाल कूकर को अपने पर्यावरण का हिस्सा बनाना कोई अमरीकियों से सीखे ,ये लोग सांप सूअर (शूकर )से लेकर कुछ भी पाल लेते हैं। पैट (स्वान ,कूकर )इनका लाडला बेटा  लाड़ली से कम नहीं।
इसके लिए एक अलग घर होगा आरामदायक उठाऊ गद्देदार हवादार।किसी अमरीकी के दिल  
 में जगह बनानी है तो उसके पैट को दुलार दो।पैट इनके परिवार का हिस्सा है। लेकिन जहां तक साफ़ सफाई का सम्बन्ध है -जैसे  

एक ख़ास इबारत खबरदार करने वाली सूचना आपको अमरीका के सभी राज्यों में पगडंडी के किनारे खम्भों से चस्पां मिलेगी -

If the dog belongs to you so does his excreta . Dogs excreta is highly infectious ,violators will be fined $ 500 .00 first time $1000.00 and more subsequently . 

  अक्सर मैंने देखा है मिशिगन का कैन्टन नगर हो या केलिफोर्निया का सैनहोज़े या फिर वेस्ट वर्जीनिया का फेयरमोंट ,पेनिसिल्वेनिअ का फोउन्टैनविल कूकर बिष्टा को लेकर चेतावनियां और हिदायतें यकसां हैं। इन्हीं की अनुपालना के अनुरूप अमरीकी जब अपने पैट को घुमाते हैं तो या तो पूपर स्कूपर साथ लेकर चलते हैं या फिर कमसे कम दो पॉलीथिन बैग। एक से बिष्टा उठाएंगें और दूसरे में उसे सहेज लेंगे। वेस्ट बिन में ही उसका निपटान करेंगे जो इस एवज अलग से रखे मिलेंगे या फिर केलिफोर्निया जैसे राज्य में हरी घास की पगडण्डी संग लगे खम्भों से लटके  हुए आप इन बक्सों को देखेंगे हिदायतों के साथ। सैनिटरी नैपकिन भी यहां मिलेगा केलिफोर्निया में वर्जीनिया में भी। ये आँखन देखी कहीं  है मैंने सुनी सुनाई नहीं। 

अमरीका के हर नगर की पुलिस अलग है। हर राज्य के अपने कायदे क़ानून हैं सीट बेल्ट को लेकर अन्य मामलातों को लेकर। मसलन कुछ राज्यों में कार में पीछे बैठी सवारियों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना लाज़िमी है। इन नियमों का उल्लंघन कोई बिरले ही यहां करता है। 

इधर अपने यहां स्वच्छ भारत मिशन की पहल हुई है लेकिन अनुपालना कितनी है जग जाहिर है। नागर बोध सरकारें पैदा नहीं कर सकतीं ,हमारी परवरिश की देन है हमारी सिविलिटी। 

यहां कूकर -नशीं कहीं भी यहां तक की कई पार्कों में भी कूकर लिए आते हैं उनका बिष्टा यही छोड़ जाते हैं दिल्ली का लोधी गार्डन भी इसका अपवाद नहीं है। गुलमोहर पार्क में भी  मैंने कई कुलीन लोगों से मौतरमाओं से करबद्ध निवेदन करते हुए कहा है -मान्यवर मैं एक अदना सा इंसान हों लेकिन आप जैसे लोग चाहे तो अपनी कॉलोनी के हीरो बन सकते हैं पूपर स्कूपर मैं आपको भेंट कर दूंगा ब-शर्ते आप उसका इस्तेमाल करें।स्वच्छता अभियान का आप झंडाबरदार बनिए जनाब ,किसी को तो पहल करनी पड़ेगी।उन दिनों में युसूफ सराय (नई दिल्ली )नाले के पार गौतम नगर में रहता था।    

उन्हें मेरी खामख्याली भले पसंद आई लेकिन कुछ दिन बाद मैंने वहां जाकर देखा ये लोग वही हरकत कर रहे थे। 
Stop Poo- llution 

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प्रस्तुतकर्ता virendra sharma पर 12:31 am
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