बुधवार, 15 अप्रैल 2020

किया कोरोना ने जग सूना , नाक नयन मुख को न छूना

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 किया कोरोना ने जग सूना ,
नाक नयन मुख को न छूना। 

खांसी छींक अगर जो आय ,
मुख  ढ़कना  है सरल उपाय। 

बार बार दोनों कर धोना ,
देखें फिर क्या करे कोरोना। 

नहीं हाथ प्रिय अभी मिलाना ,
अगर कोरोना दूर भगाना। 

गले लगाओ हुआ पुराना ,
अभिवादन का नया ज़माना। 

हाथ किसी से नहीं मिलाओ ,
सिर्फ नमस्ते करते जाओ।

हाथ किसी से नहीं मिलाना ,
सिर्फ नमस्ते करते जाना। 

मेड इन चाइना तभी हराओ ,
सभी नमस्ते जब अपनाओ।  

सार्स -कोव -दो अगर हराना ,
'सोशल डिस्टेंसिंग अपनाना। 

बिलकुल इससे न घबराना ,
किस्सा है यह वही पुराना। 

खुद में ढूंढों अल्ला भगवन,
मंदिर मस्जिद अब न जाना।  

सिज़दे में हैं काशी काबा ,
मंदिर मस्जिद और भगवाना। 

रचनाकार :सुश्री सरिता भाटिया 'गुज़ारिश '
भाटिया कालिज ,आर -१६९ ,ए -३ ,वाणी विहार ,
उत्तम नगर नै दिल्ली ११० ०५९ 
दूर -ध्वनि :९८१ ८८०२ ४२१ 

प्रेषक एवं सहभावी :वीरेंद्र शर्मा ,पूर्व प्राचर्य , राजकीय स्नातकोत्तर कॉलिज बादली ,१२४ १०५ जिला :(झज्जर) ,
२४५ /२ ,विक्रम विहार ,शंकर विहार कॉम्प्लेक्स दिल्ली छावनी -११० ०१० 

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