'गठबंधन या ठगबंधन है ' कह नहीं सकते -डॉ. नन्द लाल मेहता 'वागीश ',
सहभावी :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
१२१८ ,शब्दालोक ,गुरुग्राम (हरियाणा )१२२ ००१,दूर-ध्वनि :१२४४० ७७ २१८ (12440 77 218 )
'गठबंधन या ठगबंधन है ' कह नहीं सकते
(१ )
नापसंद हैं एक दूजे को ,होंठों पर फ़र्ज़ी मुस्कानें ,
हाथ पकड़ फोटो आलिंगन ,रह नहीं सकते।
गठबंध या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(२ )
आखिर तो कुछ सांझा रिश्ता ,भारत देश विखंडन हिंसा ,
बांटो सबको तोड़ो भारत ,परिवारों की एक बद्धता ,सह नहीं सकते।
गठबंध या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(३ )
तुष्टि -पुष्टि ,वोटपरस्ती ,एकल नीति जाति मज़हब
और जिहादी नक्सल पंथी ,अत्र कुशल सर्वत्र कुशल है मटुक नाम ,
आँख चलाने जफ्फी पाने में सरनाम ,
द्वंद्व -प्रयासी ,चतुर मार्क्सी बौद्धिक गुलाम हैं।
मामा माओ ,चाचा चाओ ,लेनिन महान हैं।
डाक -पता जे एन यू केवल सदर मुकाम है।
बड़े गर्व से ऐसा कहते ,गठबंधन या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(३ )
व्यभिचार को 'लिव इन' कर दो ,सुविधा कुछ कानूनी भर दो
क्या जाता है देखो कैसा नशा छाता है।
रग-रग में अंगड़ाई मंथन ,तोड़ो बंधन मन का संयम ,
ध्वस्त करो भारत का यौवन ,फिर तो खुल खेलेंगे खुद ही ,
वाकी - टाकी कहते करते।गठबंधन या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(४ )
भारत भी कोई देश है क्या ?
वन्दे मातरम् अर्थ है क्या ?
लोकतंत्र और राष्ट्रवाद का क्या संबंध ,
इंडिआ में बस सी. आई.सी. निर्बंध।
तोड़ो भारत हम क्या मांगे आज़ादी !
बर्बादी भारत की कर दो आज़ादी !
सब कुछ आग हवाले कर दो ,आज़ादी !
राष्ट्रवाद वैसे निर्बल है ,आज़ादी !
मानेरदी का वोट सबल है ,आज़ादी !
बारूदों से भर दो दम्भे , आज़ादी !
क्या कर लेंगे ,भारत धर्मी बँटे हुए हैं ,
जी नहीं सकते ,मर नहीं सकते ,
गठबंधन या ठगबंधन है , कह नहीं सकते।
(५ )
भाड़े के जन आग लगाओ आज़ादी है !
अवरुद्ध करो ये सारी सड़कें आज़ादी है !
शोर -शराबा, तोड़- फोड़ हों घातक झड़पें ,
सरिये भारी ,लौह छड़ ,लाठी अरु डंडे
मोटर बस या एम्बुलैंस हो ,या फिर लाठी।
लूटपाट कर छेड़ -छाड़ हो बदकारी,
भाग जाएंगे ये सारे ,क्या कर लेंगे ?
कह नहीं सकते ,गठबंधन या ठगबंधन है, कह नहीं सकते।
(६ )
अब तो अंतिम एक उपाय ,फैलाओ मिलकर अफवाहें ,
तानाशाही ,फन फहरा दो ,खुद को बुद्धि जीवी स्वर दो।
घोर असहिष्णु अभिव्यक्ति संकट ,दोष लगाओ मोदी मोदी
मोदी मोदी मोदी मोदी। मोदी मोदी मोदी मोदी।
(७ )
धंधे काले चर्पट चूं -चूं ,पुर्जा पुर्जा गठबंधन है।
हॉट सीट हो गई है कुर्सी ,कुर्सी को तरसाये मोदी।
कौशल खूब दिखाए मोदी ,हटे नहीं हटाये मोदी।
देश विदेश ,साकार है मोदी ,संतों का अवतार है मोदी।
इधर भी मोदी उधर भी मोदी ,चारों तरफ है मोदी मोदी ,
मोदी मोदी मोदी मोदी। मोदी मोदी मोदी मोदी।
विशेष अर्थ बोधक शब्द :सी.आई.सी यानी कास्टिस्ट इस्लामी कम्युनल इन तीनों का जमा जोड़ है गंठबंधन
प्रस्तुति एवं सहभावी :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
यह कविता सार्वजानिक उपभोग के लिए है इसका बिला हिचक किसी भी मंच से आप प्रयोग करें।
सहभावी :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
१२१८ ,शब्दालोक ,गुरुग्राम (हरियाणा )१२२ ००१,दूर-ध्वनि :१२४४० ७७ २१८ (12440 77 218 )
'गठबंधन या ठगबंधन है ' कह नहीं सकते
(१ )
नापसंद हैं एक दूजे को ,होंठों पर फ़र्ज़ी मुस्कानें ,
हाथ पकड़ फोटो आलिंगन ,रह नहीं सकते।
गठबंध या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(२ )
आखिर तो कुछ सांझा रिश्ता ,भारत देश विखंडन हिंसा ,
बांटो सबको तोड़ो भारत ,परिवारों की एक बद्धता ,सह नहीं सकते।
गठबंध या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(३ )
तुष्टि -पुष्टि ,वोटपरस्ती ,एकल नीति जाति मज़हब
और जिहादी नक्सल पंथी ,अत्र कुशल सर्वत्र कुशल है मटुक नाम ,
आँख चलाने जफ्फी पाने में सरनाम ,
द्वंद्व -प्रयासी ,चतुर मार्क्सी बौद्धिक गुलाम हैं।
मामा माओ ,चाचा चाओ ,लेनिन महान हैं।
डाक -पता जे एन यू केवल सदर मुकाम है।
बड़े गर्व से ऐसा कहते ,गठबंधन या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(३ )
व्यभिचार को 'लिव इन' कर दो ,सुविधा कुछ कानूनी भर दो
क्या जाता है देखो कैसा नशा छाता है।
रग-रग में अंगड़ाई मंथन ,तोड़ो बंधन मन का संयम ,
ध्वस्त करो भारत का यौवन ,फिर तो खुल खेलेंगे खुद ही ,
वाकी - टाकी कहते करते।गठबंधन या ठगबंधन है कह नहीं सकते।
(४ )
भारत भी कोई देश है क्या ?
वन्दे मातरम् अर्थ है क्या ?
लोकतंत्र और राष्ट्रवाद का क्या संबंध ,
इंडिआ में बस सी. आई.सी. निर्बंध।
तोड़ो भारत हम क्या मांगे आज़ादी !
बर्बादी भारत की कर दो आज़ादी !
सब कुछ आग हवाले कर दो ,आज़ादी !
राष्ट्रवाद वैसे निर्बल है ,आज़ादी !
मानेरदी का वोट सबल है ,आज़ादी !
बारूदों से भर दो दम्भे , आज़ादी !
क्या कर लेंगे ,भारत धर्मी बँटे हुए हैं ,
जी नहीं सकते ,मर नहीं सकते ,
गठबंधन या ठगबंधन है , कह नहीं सकते।
(५ )
भाड़े के जन आग लगाओ आज़ादी है !
अवरुद्ध करो ये सारी सड़कें आज़ादी है !
शोर -शराबा, तोड़- फोड़ हों घातक झड़पें ,
सरिये भारी ,लौह छड़ ,लाठी अरु डंडे
मोटर बस या एम्बुलैंस हो ,या फिर लाठी।
लूटपाट कर छेड़ -छाड़ हो बदकारी,
भाग जाएंगे ये सारे ,क्या कर लेंगे ?
कह नहीं सकते ,गठबंधन या ठगबंधन है, कह नहीं सकते।
(६ )
अब तो अंतिम एक उपाय ,फैलाओ मिलकर अफवाहें ,
तानाशाही ,फन फहरा दो ,खुद को बुद्धि जीवी स्वर दो।
घोर असहिष्णु अभिव्यक्ति संकट ,दोष लगाओ मोदी मोदी
मोदी मोदी मोदी मोदी। मोदी मोदी मोदी मोदी।
(७ )
धंधे काले चर्पट चूं -चूं ,पुर्जा पुर्जा गठबंधन है।
हॉट सीट हो गई है कुर्सी ,कुर्सी को तरसाये मोदी।
कौशल खूब दिखाए मोदी ,हटे नहीं हटाये मोदी।
देश विदेश ,साकार है मोदी ,संतों का अवतार है मोदी।
इधर भी मोदी उधर भी मोदी ,चारों तरफ है मोदी मोदी ,
मोदी मोदी मोदी मोदी। मोदी मोदी मोदी मोदी।
विशेष अर्थ बोधक शब्द :सी.आई.सी यानी कास्टिस्ट इस्लामी कम्युनल इन तीनों का जमा जोड़ है गंठबंधन
प्रस्तुति एवं सहभावी :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
यह कविता सार्वजानिक उपभोग के लिए है इसका बिला हिचक किसी भी मंच से आप प्रयोग करें।
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